For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अटल जी को श्रद्धांजलि

पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न माननीय अटल बिहारी वाजपेयी जी को नमन
------------------------------------
हिन्दू तन मन हिन्दू जीवन रग रग हिन्दू युक्त अटल।
आज जगत के इस बन्धन को त्याग हो गए मुक्त अटल।।

नैतिकता के मानदंड थे प्रेम राग के अनुरागी
सर्वधर्म समभाव के असली आप थे सच्चे अनुगामी

सकल विश्व में भारत की जो मान-प्रतिष्ठा आज बढ़ी
उसकी गाथा अटल बिहारी के द्वारा परवान चढ़ी

विश्व पटल पर एक शक्ति सम्पन्न राष्ट्र है भारत जो
आप हैं कारण, परमाणु से किया आपने युक्त अटल।।1।।

तेज आपका भेष आपका वाणी प्रखर अनूठी थी
उस का फल है जागी किस्मत जो भारत से रूठी थी

सभागार संयुक्त राष्ट्र का अभिभूत सुन अभिभाषण
हम हिंदी के यशवर्धन का कैसे भूलेंगे वह क्षण?

भारतवर्ष की नवल चेतना के वाहक थे पोषक थे
राजनीति के उच्च शिखर उत्तम विचार से युक्त अटल ।।2।।

छोड़ गए हम सब को क्षति जो हुई न अब पूरी होगी
अटल आपके बिना हिन्द की गाथा सदा अधूरी होगी

सत्ता के गलियारों में काजल की छींट भी लगी नहीं
हे भारत के रत्न पुरुष कोई और उदाहरण आज नहीं

अलग सोच थी, अलग लक्ष्य थे सबके अपने मार्ग अलग
किन्तु विविध धाराओं को कर ही गए संयुक्त अटल।।3।।

विश्व उदासी में है भारत का कण कण विह्वल व्याकुल
हिन्द देश के हर वासी का मन अतिशय है शोकाकुल

हे भारत के स्वाभिमान तन छोड़ कहाँ प्रस्थान हुआ
जनता रो रो कर कहती इक युग का अब अवसान हुआ

हे विराट युग पुरुष आपको शब्दों में कैसे ढाले
मुरझाए पंकज के लाखों भाव अभी अनुक्त अटल।।4।।

मेलिक अप्रकाशित

Views: 547

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on August 22, 2018 at 12:24pm

आदरणीय नवल किशोर जी बहुत बहुत आभार

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on August 22, 2018 at 12:24pm

आदरणीय नवीन जी बहुत बहुत आभार

Comment by Naval Kishor Soni on August 21, 2018 at 12:20pm

सुंदर रचना हेतु बधाई।

Comment by Naveen Mani Tripathi on August 20, 2018 at 12:08pm

आ0 पंकज मिश्रा जी बहुत सुंदर रचना हेतु बधाई।

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on August 19, 2018 at 12:11pm

भाई अजय जी बहुत बहुत आभार

Comment by Ajay Kumar Sharma on August 18, 2018 at 7:50pm

बहुत सुन्दर , अटल जी को श्रद्धांजलि...

कृपया बधाई स्वीकार करें

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on August 18, 2018 at 12:17pm

आदरणीय बाऊजी सादर प्रणाम और बहुत सारा आभार

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on August 18, 2018 at 12:16pm

आदरणीय उस्मानी सर सादर प्रणाम और आभार

Comment by Samar kabeer on August 18, 2018 at 12:10pm

अज़ीज़म पंकज कुमार मिश्रा जी आदाब,

बेहतरीन श्रद्धांजलि सृजन। हार्दिक बधाई स्वीकार करें इस प्रस्तुति पर ।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on August 17, 2018 at 3:36pm

बेहतरीन श्रद्धांजलि सृजन। हार्दिक बधाई और आभार आदरणीय  पंकज कुमार मिश्रा 'वात्स्यायन' साहिब

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन पर आपकी विस्तृत समीक्षा का तहे दिल से शुक्रिया । आपके हर बिन्दु से मैं…"
1 hour ago
Admin posted discussions
21 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
22 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपके नजर परक दोहे पठनीय हैं. आपने दृष्टि (नजर) को आधार बना कर अच्छे दोहे…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"प्रस्तुति के अनुमोदन और उत्साहवर्द्धन के लिए आपका आभार, आदरणीय गिरिराज भाईजी. "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल आपको अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है। स्नेह के लिए…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति,उत्साहवर्धन और स्नेह के लिए आभार। आपका मार्गदर्शन…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ भाई , ' गाली ' जैसी कठिन रदीफ़ को आपने जिस खूबसूरती से निभाया है , काबिले…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील भाई , अच्छे दोहों की रचना की है आपने , हार्दिक बधाई स्वीकार करें "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है , दिल से बधाई स्वीकार करें "
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service