For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"OBO लाइव तरही मुशायरे"/"OBO लाइव महा उत्सव"/"चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता के सम्बन्ध मे पूछताछ

"OBO लाइव तरही मुशायरे"/"OBO लाइव महा उत्सव"/"चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता के सम्बन्ध मे यदि किसी तरह की जानकारी चाहिए तो आप यहाँ पूछताछ कर सकते है !

Views: 12371

Reply to This

Replies to This Discussion

mhautsv ank 9 hetu rachnaaen khan posr kren

मुख्य पृष्ठ पर फोरम में लिंक रहता है, आप महा उत्सव के बैनर को भी क्लिक कर रचना पोस्ट कर सकते है, अभी उक्त महा उत्सव समाप्त हो गया है |

च लो ज़िन्दगी को मो हब्बत ब ना दें
1 2 2 1 2 2 1 22 1 2 2


Please Koi Ye batayega ki
(1) Kya ye mene upar sahi counting ki he ??

(2) agar ye sahi he to मो ko 1 aur को ko 2 kyo?

(3) shayad ye मो ko gira kar kiya jaa raha he, aisa mene gajal ki kaksha me pada thaa, but confusion he...pls explain me this...

Thanks

तपन जी जैसा की आप जानते है, ग़ज़ल ध्वनी आधारित मात्रिक छंद है ......

 

च1लो2 ज़िन२/ द1गी2 को२/ मु1हब२बत२/ ब1ना2दें२

 

इस तकतई को देख ले, उम्मीद है आप समझ गए होंगे | एक बात और ग़ज़ल शिल्प आदि के सम्बन्ध मे तकनिकी जानकारी ग़ज़ल की कक्षा से प्राप्त करे,

मेरे विचार में मात्रा का उच्चारण किस  तरह किया जा रहा यह महत्वपूर्ण है , जरूरत के हिसाब से 'मो' का उच्चारण १ या २ दोनों में से कोई भी हो सकता  है ...

मोहब्बत का मो कभी २ नहीं हो सकता क्योंकि मोहब्बत का उच्चारण मुहब्बत की तरह किया जाता है| उसी तरह जिस तरह तोहफा का तो कभी २ नहीं सकता क्योंकि सही उच्चारण तुहफ की तरह होता है|

good

// 


Permalink Reply by Tapan Dubey on July 28, 2011 at 9:08pm

च लो ज़िन्दगी को मो हब्बत ब ना दें
1 2 2 1 2 2 1 22 1 2 2//

ये अरकान सहीह है ।

//  agar ye sahi he to मो ko 1 aur को ko 2 kyo?//

आपने ऊपर मिसरा ग़लत लिखा है इसलिए "मो" पढ़ रहे हैं:-

'चलो ज़िन्दगी को महब्बत बना दें'

सहीह शब्द "महब्बत" है न कि 'मोहब्बत'

उम्मीद है शंका का समाधान हुआ होगा?

thanks ganesh ji

महोदय,

एक सुझाव करना चाहता हूँ l

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - १३ --- जितनी भी गज़लें प्रदर्शित हुई,उनमेंसे उम्दा बेहतरीन शेर चुन चुन कर अगर समापन किया तो एक 'ख़ूबसूरत महा-ग़ज़ल 'तैयार हो जायेगी l


---- अरविंद 

सुझाव
"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - १६ के लिए नया मिसरा दिया गया है जो कि निदा साहब की मशहूर ग़ज़ल से लिया गया है

"ज़िन्दगी क्या है किताबों को हटा कर देखो"


आपने इस मिसरे का वज्न लिखा है
2122            2122       2122        22 

ज़िन्दगी क्या/ है किताबों/ को हटा कर/ देखो
फायलातुन फायलातुन  फायलातुन फैलुन

मगर इस ग़ज़ल का वज्न यह नहीं अपितु
२१२२ / ११२२ / ११२२  / २२

है
तख्तीय कर रहा हूँ देख लें
यदि आप बह्र बदल देंगे तो जो लोग धुन के पर लिखते हैं उनको लिखने में दिक्कत होगी और यह नियमतः गलत भी है
निवेदन है कि लोग इस मिसरे पर लिखना शुरु करें उससे पहले ही आप इसे बदल दें अथवा बह्र बदल कर सही लिख दें
सही बह्र हैं
२१२२ / ११२२ / ११२२ / २२
फाएलातुन / फएलातनु / फएलातुन / फैलुन
रमल मुसममन मख़बून महज़ूफ़


RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"रजाई को सौड़ कहाँ, अर्थात, किस क्षेत्र में, बोला जाता है ? "
5 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
5 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय  सौड़ का अर्थ मुख्यतः रजाई लिया जाता है श्रीमान "
5 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"हृदयतल से आभार आदरणीय 🙏"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
yesterday
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service