साथियों,
"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -1) अत्यधिक डाटा दबाव के कारण पृष्ठ जम्प आदि की शिकायत प्राप्त हो रही है जिसके कारण "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2) तैयार किया गया है, अनुरोध है कि कृपया भाग -1 में केवल टिप्पणियों को पोस्ट करें एवं अपनी ग़ज़ल भाग -2 में पोस्ट करें.....
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आभारी हूँ आदरणीय शिज्जू शकूर जी।
जनाब मनन कुमार साहिब,
बधाई आपको,,,
आपका शुक्रिया।
आ. मनन जी,
अच्छा प्रयास है ग़ज़ल कहने का.
आयोजन में सहभागिता के लिए बधाई
मेरे प्रयास की परख हेतु आपका आभार आदरणीय नीलेश जी।
अच्छी ग़ज़ल है आदरणीय मनन जी। हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए। सादर।
हार्दिक आभार भाई महेंद्र जी।
आदरणीय मनन कुमार जी आदाब,
बेहतरीन प्रयास । दिली मुबारकबाद कुबूल करें ।
शुक्रिया आदरणीय आरिफ भाई।
आ. भाई मनन जी, सुंदर गजल हुयी है । हार्दिक बधाई ।
बहुत बहुत शुक्रिया भाई लक्ष्मण जी।
बहुत अच्छी ग़ज़ल कही है आ० मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई प्रेषित है।
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