साथियों,
"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -1) अत्यधिक डाटा दबाव के कारण पृष्ठ जम्प आदि की शिकायत प्राप्त हो रही है जिसके कारण "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2) तैयार किया गया है, अनुरोध है कि कृपया भाग -1 में केवल टिप्पणियों को पोस्ट करें एवं अपनी ग़ज़ल भाग -2 में पोस्ट करें.....
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हाँ म हाँ क्या मिला दी बातों में
वो समझता है पा गया है मुझे
.....वाह ..आदरणीया राजेश कुमारी जी ..सुन्दर ग़ज़ल के लिए ढेरों बधाइयां|
आद० राणा प्रताप जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया मेरा लिखना सार्थक हुआ
आदरणीया राजेश कुमारी जी बहुत अच्छी ग़ज़ल कहने के लिए दिल से बधाइयां शेर दर शेर दाद कबूल कीजिए
आद० अमित कुमार जी बहुत बहुत शुक्रिया
वाह वाह ! बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई है आदरणीया राजेश दी | मुंबई रास आ गया होगा आपको:)
आद० कल्पना जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया .हाँ मुम्बई में बच्चों के साथ अच्छा लग रहा है .
आदरणीया राजेश जी, उम्दा ग़ज़ल हुईं है. दूसरा शेर खास तौर पर अच्छा लगा.हार्दिक बधाई
आद० अजय तिवारी जी बहुत बहुत शुक्रिया
आद0 बहन राजेश कुमारी जी सादर अभिवादन। बहुत खूबसूरत और प्यारी ग़ज़ल आपने कही। वाह वाह वाह वाह,, शैर दर शैर दाद के साथ मुबारकबाद कुबुल करें। सादर
आद० सुरेन्द्र नाथ जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया
उम्दा अश्आर मुबारकबाद क़बूल फ़रमाएँ,,
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