For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग-1)

साथियों,
"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -1) अत्यधिक डाटा दबाव के कारण पृष्ठ जम्प आदि की शिकायत प्राप्त हो रही है जिसके कारण "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2) तैयार किया गया है, अनुरोध है कि कृपया भाग -1 में केवल टिप्पणियों को पोस्ट करें एवं अपनी ग़ज़ल भाग -2 में पोस्ट करें.....

कृपया मुशायरे सम्बंधित अधिक जानकारी एवं मुशायरा भाग 2 में प्रवेश हेतु नीचे दी गयी लिंक क्लिक करें 

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2)

Views: 25176

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आद0 भाई योगराज प्रभाकर जी सादर अभिवादन। बहुत खूबसूरत और प्यारी सी ग़ज़ल। 

डांट के साथ प्यार बेटी का

याद माँ की दिला गया है मुझे

यह शैर काबिले तारीफ.......

बहुत बहुत बधाई आपको। सादर

हार्दिक आभार भाई सुरेन्द्रनाथ जी. 

'जाम ऐसा दिया गया है मुझे तिश्नगी से मिला गया है मुझे।' लगता है मतला ही पूरी गजल कहने में समर्थ है।दाद और बधाइयाँ आदरणीय योगराज जी।

इस ज़र्रानवाज़ी का दिल से शुक्रिया आ० मनन कुमार सिंह जी. 

चाँद अब मुझसे खार खाएगा
क्यों तू जुगनू बता गया है मुझे--------- क्या कहन है साहिब, जिंदाबाद 

देख पाऊँ न सुन सकूँ कुछ भी
गो अदालत कहा गया है मुझे--------- आय हाय हाय !! दो मिसरों में न्याय की दुनिया को समेट दिया है. 

डाँट के साथ प्यार बेटी का
याद माँ की दिला गया है मुझे--------बेहद नाजुक शेर, इस शेर को तो बेटी वाला ही समझ सकता है, हासिले ग़ज़ल शेर, जय जय। 

ज़ुल्म सहना भी आ ही जाएगा
सब्र करना तो आ गया है मुझे-------शानदार गिरह, बुढ़ाई के असर लउकत बा दादा।
शानदार ग़ज़लगोई, बहुत बहुत बधाई आदरणीय गुरुदेव योगराज जी.

हौसला अफज़ाई का दिल से मशकूर हूँ चाचा जी, बच्चे पर यूँ ही कृपा दृष्टि बनाए रखिए.

का दद्दू , चच्चा कह बच्चा क जान लेंगे ??

जब से अपना बना गया है मुझे ।
खौफ़ ए फुर्कत ही खा गया है मुझे ।

अब उमीदों का मुझ पे बोझ नहीं ,
हारना रास आ गया है मुझे ।

जीने के सीख लूँगा और भी ढंग ,
"सब्र करना तो आ गया है मुझे।"

कैसे उस अजनबी को ग़ैर कहूँ ,
वो जो मुझसे मिला गया है मुझे ।

तेरी तस्वीर - चहरा हँसता हुआ ,
आज फ़िर से रुला गया है मुझे ।

सुनने आया था वो कहानी मेरी ,
अपना क़िस्सा सुना गया है मुझे ।

इश्क़ ए नाकाम का फ़साना हूँ ,
ख़ूब लिक्खा पढ़ा गया है मुझे ।

.
(मौलिक व अप्रकाशित )

बहुत ख़ूब आदरणीय गुरप्रीत सिंह जी। 

बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीया अंजली गुप्ता जी 

आदरनीय गुरप्रीत भाई, बहुत सुंदर बधाई हो 

बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय मोहन बेगोवाल जी 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"शीत लहर ही चहुँदिश दिखती, है हुई तपन अतीत यहाँ।यौवन  जैसी  ठिठुरन  लेकर, आन …"
47 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सादर अभिवादन, आदरणीय।"
53 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सभी सदस्यों से रचना-प्रस्तुति की अपेक्षा है.. "
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। लम्बे अंतराल के बाद पटल पर आपकी मुग्ध करती गजल से मन को असीम सुख…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
Tuesday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
Monday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Nov 17
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Nov 17
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
Nov 17

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service