For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग-1)

साथियों,
"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -1) अत्यधिक डाटा दबाव के कारण पृष्ठ जम्प आदि की शिकायत प्राप्त हो रही है जिसके कारण "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2) तैयार किया गया है, अनुरोध है कि कृपया भाग -1 में केवल टिप्पणियों को पोस्ट करें एवं अपनी ग़ज़ल भाग -2 में पोस्ट करें.....

कृपया मुशायरे सम्बंधित अधिक जानकारी एवं मुशायरा भाग 2 में प्रवेश हेतु नीचे दी गयी लिंक क्लिक करें 

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2)

Views: 25178

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आदरणीय अजीत जी आपका तहे दिल से शुक्रिया|

आदरणीय राणा प्रताप सिंह जी लाजबाब गजल लिखने के लिए बहुत बहुत बधाई

आदरणीय छोटे लाल जी आपका हार्दिक आभार|

आ. भाई राणा प्रताप जी, उम्दा गजल हुई है । हार्दिक बधाई ।

आदरणीय लक्ष्मण धामी साहब ..आपका तहे दिल से शुक्रिया|

राणा भाई, तरही मुशायरे के सौवें आयोजन की हार्दिक बधाइयाँ   इस बार का आयोजन ओबीओ के मंच के लिए मील का पत्थर है. और आप अपनी अकथ व्यस्तता के बावज़ूद जिस लगन और निरंतरता के साथ मुशायरे को आयोजित करते जा रहे हैं यह हम सभी के लिए गर्व की बात है. 

उस पर इस आयोजन के माध्यम से आपकी एक उम्दा ग़ज़ल पढ़ने को मिल रही है. मतलब सोने पर सुहागा. 

दिन ब दिन मैं रहा सवालों में

और वो जांचता गया है मुझे .. .....

इस शेर पर कुछ भी कहा जाय कम होगा. आपके अब तक के सबसे क़ामयाब शेरों में से यह शेर हुआ है. अतिशय बधाइयाँ. 

शुभ-शुभ

आदरणीय सौरभ सर ..१०० वें तरही मुशायरे की आपको भी बधाइयां ..यक़ीनन यह मील का पत्थर है और लगातार आठ से अधिक सालों से यह आयोजन ओ बी ओ की सफलता की एक अनूठी बानगी है.......आपने ग़ज़ल पसंद की इस हेतु हार्दिक आभार|

छोटी बह्र होने के बावजूद इस ज़मीन पर ग़ज़ल कहना मुश्किल है। पर आपकी ग़ज़ल में जो लय है वो शानदार है। ख़ूबसूरत अशआर से सजी इस बेहद उम्दा ग़ज़ल के लिए दिल से ढेर सारी बधाई स्वीकार कीजिए आदरणीय राणा प्रताप सिंह जी। सादर।

आदरणीय महेन्द्र जी ग़ज़ल पर अपना समय और प्रतिक्रया देने के लिए हार्दिक आभार|

आदरणीय राणा प्रताप सिंह जी बढ़ियाग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।

राह जब भी तुम्हारी देखी है 

वो बिजी हैं कहा गया है मुझे 

कृपया अन्यथा न लें 100 वे मुशायरे की खुशाी है फिल बदीह शेर भी हो रहे हे । गजल के  लिए बधाई स्वीकार करें

आदरणीय रवि शुक्ला साहब , ग़ज़ल पसंद करने के लिए हर्दिक आभार| लीजिये ओ बी ओ की शान में एक फिल्बदीह शेर हमारी तरफ से भी|

दूर इससे मैं जा नहीं सकता 

अपना हिस्सा बना गया है मुझे 

वाह वाह ।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आदाब। उम्दा विषय, कथानक व कथ्य पर उम्दा रचना हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय तेजवीर सिंह साहिब। बस आरंभ…"
18 hours ago
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"बदलते लोग  - लघुकथा -  घासी राम गाँव से दस साल की उम्र में  शहर अपने चाचा के पास…"
18 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"श्रवण भये चंगाराम? (लघुकथा): गंगाराम कुछ दिन से चिंतित नज़र आ रहे थे। तोताराम उनके आसपास मंडराता…"
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. भाई जैफ जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद।"
yesterday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय ज़ैफ़ जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय ज़ेफ जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
yesterday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"//जिस्म जलने पर राख रह जाती है// शुक्रिया अमित जी, मुझे ये जानकारी नहीं थी। "
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय अमित जी, आपकी टिप्पणी से सीखने को मिला। इसके लिए हार्दिक आभार। भविष्य में भी मार्ग दर्शन…"
yesterday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"शुक्रिया ज़ैफ़ जी, टिप्पणी में गिरह का शे'र भी डाल देंगे तो उम्मीद करता हूँ कि ग़ज़ल मान्य हो…"
yesterday
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. दयाराम जी, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास रहा। आ. अमित जी की इस्लाह महत्वपूर्ण है।"
yesterday
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. अमित, ग़ज़ल पर आपकी बेहतरीन इस्लाह व हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिय:।"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service