आदरणीय साथिओ,
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वाह वाह वाह! बहुत ही सुन्दर और सारगर्भित लघुकथा कही है आ० ओमप्रकाश क्षत्रिय जीI प्रदत्त विषय को परिभाषित करने हेतु बहुत ही दिलचस्प कथानक चुना हैI कथा बहुत ही नपी तुली गति से आगे बढ़ती है है, संवाद भी चुस्त हैI मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार करेंI
हार्दिक बधाई आदरणीय ओम प्रकाश जी।वाह, क्या सजीव वर्णन किया है, मज़ा आगया। बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
लघुकथा को केंद्र में रखकर अच्छी लघुकथा लिखी है आपने आ. ओमप्रकाश जी. हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए. सादर.
आदरणीय तस्दीक अहमद खान साहब, आप का बहुतबहुत आभार . आप की प्रतिक्रिया मेरी अमूल्य धरोहर हैं.
बढ़िया कटाक्ष किया है आपने वर्तमान में हो रहे इन कार्यक्रमों पर, बधाई आपको
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