आदरणीय साथिओ,
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आदरणीया नयना ताई, इस प्रयास के लिए बधाई पर ड्रेस में भी जिनको छेड़ना होता है छेड़ते है न? सादर|
इस सार्थक प्रयास पर हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए आ. नयना मैम. गुणीजनों की बातों का संज्ञान लें. सादर.
अच्छी लघु कथा हुई आद० नयना जी बहुत बहुत बधाई
मन ही मन उन्हें एक-एक तमाचा जडने का भी प्रण करते हुए ट्रायल रूम से बाहर निकल आई..!!// खूब .. शानदार कथा हार्दिक बधाई इस रचना पर आदरणीया नयना जी
नयी मम्मी--
लक्ष्मी हतप्रभ खड़ी थी, उसे अपनी आँखों पर भरोसा नहीं हो रहा था| आज तीसरा दिन था और अधिकांश रिश्तेदार जा चुके थे| उसके कमरे में आयी उस लड़की से उसने ऐसे ही पूछ लिया "तुम किसकी लड़की हो?
पहले तो वह लड़की चुप रही और लक्ष्मी को अजीब सी निगाहों से देखती रही लेकिन जब दुबारा उसने पूछा तो उस लड़की ने जवाब में सवाल कर दिया "तुम हमारी नयी मम्मी हो ना?
इस बात के लिए वह बिलकुल तैयार नहीं थी, उसे इतना तो पता था कि उसके पति की यह दूसरी शादी है| लेकिन उसे यह नहीं बताया गया था कि उसके एक बेटी भी है| अभी वह इन्हीं सवालों से जूझ रही थी कि उस बच्ची ने फिर से एक सवाल किया "तुम हमें मारोगी नहीं ना, हम बिलकुल परेशान नहीं करेंगे? रानी की नयी मम्मी उसे बहुत मारती है"|
उसके सवाल ने उसे एक झटका सा दे दिया, उसे अपना घर याद आ गया| उसकी मम्मी की मौत के बाद आयी नयी मम्मी ने उसको हर कदम पर जलील किया था और यह शादी भी उसी की वजह से हुई थी| अब उसकी आँखों के सामने उसके पति की तस्वीर, जिस पर उसे बेहद क्रोध आया था, धुंधलाने लगी और उस बच्ची के चेहरे में उसे अपना अक्स नजर आने लगा|
बच्ची ने जब देखा कि उसे कोई जवाब नहीं मिल रहा है तो वह चुपचाप बाहर की तरफ जाने लगी| लक्ष्मी झटके से उठी और दौड़ कर उसने उस बच्ची को अपने सीने से लगा लिया और उसे चूमते हुए बोली "तुम मुझे मम्मी ही कहना बेटी, नयी मम्मी नहीं"|
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