आदरणीय साथिओ,
Tags:
Replies are closed for this discussion.
शुक्रिया आदरणीय महेंद्र कुमार जी
जनाब ओमप्रकाश क्षत्रिय जी आदाब,अच्छी लघुकथा लिखी आपने,बधाई स्वीकार करें ।
हार्दिक आभार आदरणीय समर कबीर जी आपकी हौसला अफजाई के लिए
घर मे बहस में बेटियाँ अक्सर पिता का ही साथ देती हैं। बढिया कहानी । हार्दिक बधाई आदरणीय ओमप्रकाश क्षत्रीय जी
आदरणीया प्रतिभा पांडे जी आपकी अमूल्य प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार
भाई जनाब ओमप्रकाश साहिब, परिवारों के मंज़र दर्शाती सुन्दर लघुकथा हुई है मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं
अमूल्य प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार तस्दीक अहमद खान साहब
अच्छी लघुकथा के लिए बधाई आदरणीय
हार्दिक आभार अमूल्य प्रतिक्रिया के लिए
बेहतरीन रचना के लिए बधाई स्वीकार कीजिएगा आदरणीय ओमप्रकाश सरजी ।
आदाब। कड़वा सच छोटे-बड़े सभी बिजनिस का। यहां तक की महाविद्यालयीन और हॉस्टल छात्र-जीवन और राजनीति का भी। अंतिम पंक्ति भी कड़वा सवाल है, लिंगभेद का बबाल है। बहुत ही दिलचस्प और विचारोत्तेजक रचना। हार्दिक बधाई आदरणीय केशव साहिब। कुछ टंकण त्रुटियाँँ रह गई हैं।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |