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खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

ओपन बुक्स ऑनलाइन के सभी सदस्यों को प्रणाम, बहुत दिनों से मेरे मन मे एक विचार आ रहा था कि एक ऐसा फोरम भी होना चाहिये जिसमे हम लोग अपने सदस्यों की ख़ुशी और गम को नजदीक से महसूस कर सके, इसी बात को ध्यान मे रखकर यह फोरम प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमे सदस्य गण एक दूसरे के सुख और दुःख की बातो को यहाँ लिख सकते है और एक दूसरे के सुख दुःख मे शामिल हो सकते है |

धन्यवाद सहित
आप सब का अपना
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दिनांक 12-13 सितम्बर 2015 को काठमाण्डू, नेपाल में ग़ज़ल की विधा पर वैचारिक सम्मेलन आहूत हुआ है. चार दक्षिण एशियाई देशों, नेपाल, भारत, बांग्लादेश और भूटान, के ग़ज़लकारों में भारतीय सदस्यों के साथ ख़ाकसार को भी सम्मिलित किया गया है.

भारत की सात-सदस्यीय टीम के अन्य सदस्य हैं, सर्वश्री जनाब एहतराम इस्लाम, वीनस केसरी, मारूफ़ ख़ान, फ़रमूद इलाहाबादी, अनुराग अनुभव और डॉ. अशोक गुलशन. 

मुख्य वक्ताओं में सर्वश्री जनाब एहतराम इस्लाम, सौरभ पाण्डेय तथा मारूफ़ ख़ान हैं. 

अपने मंच से आशीष और आत्मीय सदस्यों की हार्दिक शुभकामनाओं केसाथ..

वाह! बहुत खूब!

बहुत बहुत बधाई आपको आ० सौरभ जी और सात सदस्यीय टीम के ६ अन्य सदस्यों को भी 

ग़ज़ल विधा पर नेपाल में कितना गंभीर और सुनियोजित कार्य हो रहा है, आपसे इसकी जानकारी आपकी पूर्व नेपाल विजिट के पश्चात हम सबको मिली थी... ग़ज़ल पर वैचारिक वक्तव्य के लिए आपको आमंत्रित किया जाना मंच के लिए बहुत गर्व की बात है... आपको हार्दिक शुभकामनाएं 

सादर.

आदरणीया प्राचीजी, आपकी शुभकामनाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद. 

यह अवश्य है कि नेपाल में शुरुआती दौर में ग़ज़ल विधा के प्रति जितनी अन्यमनस्कता थी, आज उतनी ही उत्सुकता ब्न गयी है. आज जिसतरह से वहाँ काम हो रहा है, गोया वहाँ के हर मण्डल में एक ’ओबीओ’ भौतिक रूप से कार्यरत है.

हम सभी इस साहित्यिक कर्म में योगदान कर पारहे हैं, वह हमारे लिए भी परम संतोष का कारण हो रहा है.

सादर

आपको और बाकी टीम को ढेरों शुभकामनाएँ और बधाई आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी 

ये तो बहुत ख़ुशी की बात है आ० सौरभ जी ,आपको व् अन्य टीम सदस्यों को हार्दिक बधाई एवं आयोजन की सफलता की तहे दिल से शुभकामनायें .

आपकी शुभकामनाएँ हमारा संबल हैं, आदरणीया राजेश कुमारीजी.

ओबीओ पर हो रहे ग़ज़ल-प्रयासों को नेपाल के ग़ज़लकार बहुत मान देते हैं. यह दो वर्ष पूर्व हुए सम्मेलन से वापस आ कर मैंने आप सबों से साझा किया ही था. हमारा पिछला प्रयास रंग लाया है, इसकी सूचना अब मिल रही है. 

इलाहाबाद में आयोजित ’जश्ने-ग़ज़ल’ में नेपाली ग़ज़ल पर भी पर्चा पढ़ा जायेगा. अनुरोध है, आप अवश्य सुनियेगा. 

सादर

जी जरूर सुनेंगे .

आदरणीय सौरभ सर, बहुत बहुत बधाई और हार्दिक शुभकामनायें। बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ।

जय होऽऽऽऽ.. 

यह सब इस मंच की महत्ता, महिमा और कृपा है. आप सबकी शुभकामनाएँ साथ हैं आदरणीय मिथिलेशजी.

मेरे लिए हर्ष और गर्व की बात है कि आपको और अन्य भारतीय गज़ल-प्रतिनिधियों को यह सम्मान मिला। हार्दिक बधाई, आदरणीय सौरभ जी।

आ.सौरभ जी, आपकी पूरी टीम सहित आपको बहुत - बहुत शुभकामनाये..... इस गरिमयी आयोजन मैं भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए !  

आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी ,आपको व टीम को हार्दिक बधाई व् शुभकामनाएँ 

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