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पुस्तक समीक्षा Discussions (112)

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‘कोहरा सूरज धूप’ की समीक्षा - जहीर कुरैशी

          ४७ वर्षीय बृजेश नीरज का काव्य-संग्रह ‘कोहरा सूरज धूप’ अनेक कोणों से पाठक का ध्यानाकर्षण करता है. सबसे पहले तो मुझे इस संग्रह में…

Started by बृजेश नीरज

6 Apr 8, 2014
Reply by बृजेश नीरज

सदस्य टीम प्रबंधन

'इकड़ियाँ जेबी से' - एक पाठकीय समीक्षा

‘इकड़ियाँ जेबी से’ – एक पाठकीय समीक्षा   अंजुमन प्रकाशन,  इलाहबाद की ‘साहित्य सुलभ संस्करण’ योजना की आठों पुस्तकों को अपने हाथों में पाना वि…

Started by Dr.Prachi Singh

5 Apr 7, 2014
Reply by Dr.Prachi Singh

पुस्तक समीक्षा ग़ज़लकार ज़हीर कुरेशी जी द्वारा ग़ज़ल कहनी पड़ेगी झुग्गियों पर (‘सज्जन’ धर्मेन्द्र)

अंजुमन प्रकाशन, इलाहाबाद के साहित्य सुलभ संस्करण की आठ काव्य पुस्तकों के लोकार्पण के अवसर पर दिनांक 22 फ़रवरी, 2014 को मुख्य अतिथि की आसंदी…

Started by धर्मेन्द्र कुमार सिंह

2 Apr 7, 2014
Reply by धर्मेन्द्र कुमार सिंह

सदस्य कार्यकारिणी

इकड़ियाँ जेबी से (समीक्षा )

अच्छा लेखन क्या ? जो अर्थ से भरा हो | जो अपनी सम्पूर्णता और जीवन्तता के साथ सीधा दिल में उतर जाए, लेखन के दर्पण में पाठक को अपना चेहरा नजर…

Started by rajesh kumari

10 Apr 6, 2014
Reply by rajesh kumari

खुलते परों के सामने का आकाश - गुलाब सिंह

’परों को खोलते हुए’ हिन्दी के पन्द्रह कवियों का महत्वपूर्ण समवेत संकलन है. छन्द मुक्त काव्य में लयात्मक प्रवाह के साथ सघन वैचारिक…

Started by Team Admin

3 Apr 5, 2014
Reply by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA

''उधेड़बुन''........अतुकांत काव्य संग्रह

पुस्तक का नाम.......''उधेड़बुन''........अतुकांत काव्य संग्रह ।गजलकार.........श्री राहुल देवसम्पर्क......मो0.....09454112975पुस्तक का मूल्य.…

Started by केवल प्रसाद 'सत्यम'

1 Apr 5, 2014
Reply by Saurabh Pandey

पुस्तक समीक्षा- दनकौर से लखनऊ तक

  डॉ गोयल ने चिकित्सा व साहित्य दोनों ही क्षेत्रों में अपना सम्यक व महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है | शल्य चिकित्सा से जुड़े रहने के बावजूद आपका…

Started by Rahul Dev

1 Apr 5, 2014
Reply by Saurabh Pandey

''सच का परचम''........गजलों का संकलन।-----समीक्षा

पुस्तक का नाम.......''सच का परचम''........गजलों का संकलन।गजलकार.........श्री अरूण कुमार पाण्डेय अभिनव अरूणसम्पर्क......मो0.....09415678748प…

Started by केवल प्रसाद 'सत्यम'

1 Apr 5, 2014
Reply by Saurabh Pandey

सदस्य टीम प्रबंधन

डाली मोगरे की : समीक्षा // --सौरभ

शिवना प्रकाशन, सीहोर, मप्र के सौजन्य से सद्यः लोकार्पित ग़ज़ल-संग्रह ’डाली मोगरे की’ हाथों में है. इस पुस्तक का कलेवर, इसकी साज-सज्जा, रंग-सं…

Started by Saurabh Pandey

2 Feb 20, 2014
Reply by Saurabh Pandey

एक कवि की दृष्टि से - कोहरा, सूरज, धूप (बृजेश ‘नीरज’)

"माँ! शब्द दो! अर्थ दो!” ये तीन पंक्तियाँ मिलकर एक छोटी सी कविता रच देती हैं। ये कविता उस यात्रा की शुरुआत है जिसका प्रारंभ घने कुहरे से हो…

Started by धर्मेन्द्र कुमार सिंह

1 Feb 19, 2014
Reply by बृजेश नीरज

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"जी, ऐसा ही होता है हर प्रतिभागी के साथ। अच्छा अनुभव रहा आज की गोष्ठी का भी।"
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"अनेक-अनेक आभार आदरणीय शेख़ उस्मानी जी। आप सब के सान्निध्य में रहते हुए आप सब से जब ऐसे उत्साहवर्धक…"
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