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गोरी बस गइलू हमरी नजरिया मेंपहिले हम केतना सही से रहलीं, दिल रहे केतना साफ़| देख के तू मुश्कियइलू अइसन, दिल पर लिख दिहलू नाम| पहिले देखलू त तूहीं हमके आँख भर के, ग… Started by आशीष यादव |
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Jun 26, 2012 Reply by आशीष यादव |
काहे रे जीवनबैरी जीवनबैरी पी ,काहे रे जीवनबैरी जीवनबैरी पी ... बच्चन के कपडा फाटल फाटल , पडल बाड तू गटर गटर , छोड़ के इ तू बढ़िया से जी , काहे रे जीवनबैरी जीवनबैरी प… Started by Rash Bihari Ravi |
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Jun 4, 2012 Reply by Deepak Sharma Kuluvi |
मुख्य प्रबंधक निर्गुण भोजपुरी गीत : पिया अईले बोलावेनिर्गुण भोजपुरी गीत : पिया अईले बोलावे छोडे के नईहर तैयार हो, पिया अईले बोलावे, मनवा होखेला बेकरार हो , पिया से मिले के बावे , छोडे के नईह… Started by Er. Ganesh Jee "Bagi" |
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Apr 22, 2012 Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi" |
चला हो, दिया पूरा हो!अनिहार बहुत बढ़ गईल, चला हो, दिया पूरा हो! (अनिहार: अंधेरा) बर्थ-डे मनय, स्कूल खरतिन बजट नाही, महगाई कुल छोरि लियेय, कौड़ी बचत नाही. काव… Started by राकेश त्रिपाठी 'बस्तीवी' |
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Apr 6, 2012 Reply by राकेश त्रिपाठी 'बस्तीवी' |
ई कइसन समाज ?पूर्व प्रकाशित रचना होने के फलस्वरूप ओ बी ओ नियमानुसार इस पोस्ट को प्रबंधन स्तर से हटा दिया गया है | (२५ मार्च १०.३५ am) एडमिन 2012042501 Started by Brij bhushan choubey |
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Mar 24, 2012 Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi" |
आवअ लवट चलीं गाँव के ओरगोईठा-लकड़ी के चूल्हा में भाप उठत ऊ भात बोलावे, संक्रांति के दही-चुड़ा-तिलवा कऊड़ा में के आग बोलावे, बहुत हो गईल शहर में रहल आवअ लवट चलीं… Started by R. K. PANDEY "RAJ" |
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Jan 16, 2012 Reply by Neelam Upadhyaya |
सुनलिस नू ललमतिया ?अन्यायी के अब तू खोर खईहे अब ना केकरो से तू डेरईहे, आपन हक़ खातिर डेग बढ़ईहे ना मिले त छीन भी लीहे, मत लजईहे, मत सकुचईहे सुनलिस नू ललमति… Started by R. K. PANDEY "RAJ" |
0 | Jan 14, 2012 |
सुनलिस नू ललमतिया ?अन्यायी के अब तू खोर खईहे अब ना केकरो से तू डेरईहे, आपन हक़ खातिर डेग बढ़ईहे ना मिले त छीनभी लीहे, मत लजईहे, मत सकुचईहे सुनलिस नू ललमतिय… Started by R. K. PANDEY "RAJ" |
0 | Jan 14, 2012 |
याद केहू क अब आ रहल बाआज दिल पर नशा छ रहल बा, याद केहू क अब आ रहल बा| किश्मत में रहे मुलाकात हो गईल देखsते देखsते इक दिन बात हो गईल| बात के गीत दिल गा रहल बा; य… Started by आशीष यादव |
0 | Nov 17, 2011 |
ज्ञान के देवी हई माई सुरसती ,माई सुरसती हो माई सुरसती , ज्ञान के देवी हई माई सुरसती , कमवा बिगरी जबे मार लिहे मति , ज्ञान के देवी हई माई सुरसती , इहे जबे मंथरा जिभि… Started by Rash Bihari Ravi |
0 | Sep 15, 2011 |
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