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जयतु मातुद्रुतविलम्बित छंद।।।, ऽ।।, ऽ।।, ऽ। ऽ.................................जयतु मातु दया सुख दायनीभगत वत्सल शोक विनाशनीजगत मातु दया तुम कीजिये… Started by रमेश कुमार चौहान |
0 | Sep 30, 2014 |
हे गजाननवसन्तिलका वर्णिक छंदऽ ऽ । ऽ । । ।ऽ । । ऽ । ऽ ऽहे वक्रतुण्ड़ गण नायक विघ्नहारी। हे पार्वती तनय भक्तन हीतकारी।।हे वर्ण अक्षर रूपा प्रभु… Started by रमेश कुमार चौहान |
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Sep 30, 2014 Reply by rajesh kumari |
उपालंभ वंदना(गणेश का कथन पार्वती से ) देखो मातु, शारदा है आपकी विचित्र अति मेरी लेखनी का अंग-भंग कर देती है I चिन्तना में डूबता हूँ… Started by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव |
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Sep 30, 2014 Reply by rajesh kumari |
दोहे (प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा )दोहे (प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा ) वंदना श्री गणेश जी , वंदहु श्री हनुमान वंदना माँ सरस्वती , दीजिए विद्या दान माधव चरण शीश धरे, अर्जुन माँग… Started by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA |
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Sep 30, 2014 Reply by rajesh kumari |
श्रीकृष्ण स्मरणजन्माष्टमी पर विशेष मनमोहन माधव मधुसूदन I वात्सल्य रसामृत से जिनके ब्रज का आप्यायि… Started by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव |
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Sep 30, 2014 Reply by rajesh kumari |
गणेशाष्टकधरा सदृश माता है माँ की परिकम्मा कर आये। एकदन्त गणपति गणनायक प्रथम पूज्य कहलाये।।1।। लाभ-क्षेम दो पुत्र ऋद्धि-सिद्धि के स्वामि गजान… Started by Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' |
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Sep 30, 2014 Reply by rajesh kumari |
दोहे // प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा //दोहे // प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा //-------------------------------------राम नाम लिये बगैर करते हैं जो काज जीवन सदा दुखी रहे जान लीजिये राज… Started by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA |
0 | Aug 2, 2014 |
बाबा की महिमाबसे है वो पहाड़ो में वहीं सबको बुलाते है बुला कर पास अपने वो सभी का गम मिटाते हैं।। सजा है काफिला कैसा कभी आ कर जरा देखो कठिन है राह फिर भी… Started by Akhand Gahmari |
0 | Jul 20, 2014 |
माँ के चरणों मे कुछ छन्न पकैंया छंद -- (प्रथम प्रयास)छन्न पकैंया छन्न पकैंया माँ की जोत जलाऊँ |मेवा कदली लौंग लाइची उनको भोग लगाऊँ || छन्न पकैंया छन्न पकैंया छम छम पायल बाजे |जयकारा मइया का गा… Started by Meena Pathak |
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Apr 8, 2014 Reply by Meena Pathak |
भजन - मेरे साईं ( अन्नपूर्णा बाजपेई )तेरी आँखों मे वो नूर है साई जब भी विकल हो शरण मे आई तूने संभाला है मुझको मेरे साईं गले से हर बार तूने लगाया है साईं मेरे साईं .......… Started by annapurna bajpai |
0 | Apr 2, 2014 |
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