For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय काव्य-रसिको,

सादर अभिवादन !

 

चित्र से काव्य तक छन्दोत्सव का आयोजन लगातार क्रम में इस बार एकसठवाँ आयोजन है.

 

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ  20 मई 2016 दिन शुक्रवार से  21 मई  2016 दिन शनिवार तक

 

इस बार गत अंक में से दो छन्द रखे गये हैं - दोहा छन्द और कुण्डलिया छन्द

  

हम आयोजन के अंतरगत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं.

 

इन छन्दों में से किसी एक या दोनों छन्दों में प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द रचना करनी है. 

 

इन छन्दों में से दोहा छन्द पर आधारित नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं.  

 

[प्रस्तुत चित्र अंतरजाल से प्राप्त हुआ है]

रचनाओं की संख्या पर कोई बन्धन नहीं है. किन्तु, उचित यही होगा कि एक से अधिक रचनाएँ प्रस्तुत करनी हों तो दोनों छन्दों में रचनाएँ प्रस्तुत हों.   

 

 

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जायेंगीं.

दोहा छन्द के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक करें

  

कुण्डलिया छन्द के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक करें

जैसा कि विदित है, अन्यान्य छन्दों के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती है.

 

********************************************************

 

आयोजन सम्बन्धी नोट :

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 20 मई 2016 दिन शुक्रवार से  21 मई  2016 दिन शनिवार तक यानी दो दिनों केलिए रचना-प्रस्तुति तथा टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.

 

अति आवश्यक सूचना :

  1. रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  2. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  3. सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करेंआयोजन की रचनाओं के संकलन के प्रकाशन के पोस्ट पर प्राप्त सुझावों के अनुसार संशोधन किया जायेगा.
  4. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  5. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  6. रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  7. रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

 

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...


"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

 

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

 

विशेष :

यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com  परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

 

मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 14239

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

जल से जुड़े मुद्दों पर बढ़िया दोहा गीत के लिए बहुत बहुत हार्दिक बधाई आपको आदरणीय रमेश कुमार चौहान जी। प्रदत्त चित्र के कुछ मूल भाव छूट रहे हैं। चित्र में एक निर्दोष थका हारा हुआ कमज़ोर सा प्यासा बालक है।

जी,, आदरणीय आपका कहना उचित है । चित्र के दो भाव निहित होते है, वाह्य और आंतरिक ।  इस कमी को अगली रचना में दूर करने का प्रयास करूंगा । सादर

बढ़ता दोहां-गीत से, आयोजन का मान 

रचना सुन्दर छंद की, कब चूके चौहान 

कुआँ बावली ताल का, बतलाया इतिहास 

कैसे कैसे प्रकृति करती है उपहास 

कैसे कैसे हो गया, भूजल का अवसान 

आज बधाई के लिए, शब्द हुए लाचार 

सीखा सुगढ़ छंद से, जल जीवन का सार 

ऐसे गीतों से सफल, आयोजन उत्थान 

धन्य हुआ मैं मान्यवर, पाकर यह उपहार ।
सीख रहा हूॅ छंद मैं, ओबीओ अनुसार ।।

धन्यवाद आपका 

बहुत सुन्दर प्रस्तुति आदरणीय रमेश जी हार्दिक बधाई आपको 

है सुंदर यह गीत जी,कहते हम हर बार
जल जीवन का सार है,बता गए सरकार।।

आदरणीय रमेश भाई

जल का महत्व और संरक्षण का उपाय बताती इस रचना दोहा गीत के लिए हार्दिक..बधाई

प्रदत्त चित्र अनुरूप सार्थक दोहा गीत रचा है आपने  हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय  रमेश कुमार चौहान जी 

आदरणीय रमेश जी, आपकी संवेदना मुखर हो कर शाब्दिक हुई है।  मन मुग्ध है। भाव संयत हैं । रचना का इंगित स्पष्ट है। आप बहुत मन से रचनाकर्म कर रहे हैं, आदरणीय। 

अभिशप्त सही शब्द है।

जल जीवन का सार है, जल बिन जग बेकार ।
जगे कंठ में प्यास जब, समझे है नर नार ।।

बहुत सुंदर आदरणीय रमेश जी प्रदत्त चित्र को सार्थक करती इस मनमोहक प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई।

बचा रखें जल स्रोत को, भू-तल पर जल रोक ।
पानी बहे न व्यर्थ में, तभी मिटे यह शोक ।।
बूंद बूंद जब जल बचे, सुखी रहे संसार ।
जल जीवन का सार है, जल बिन जग बेकार ।............वाह ! सुंदर सन्देश.

आदरणीय रमेश कुमार चौहान जी सादर, बहुत सुंदर दोहा गीत रचा है. बहुत-बहुत बधाई स्वीकारें.सादर. //रिक्त हुये भू-गर्भ अब,//हुए या हुआ. देख लें.

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय समर कबीर जी, बहुत दिनों बाद ग़ज़ल का प्रयास किया है।  यह प्रयास आपको पसंद आया, जानकर…"
1 minute ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय संजय शुक्लाजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर"
3 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय दयारामजी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर"
4 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आ. रिचा जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई। "निकले तभी न यार कहीं अपने घर से हम…"
17 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय समर कबीर सर, हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया। ५ में तक़ाबुल-ए-रदीफ़ नहीं है। दर अस्ल…"
17 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन।प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई।"
23 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। गजल का प्रयास अच्छा है पर यह और समय चाहती है। भाई अमित जी का सुझाव…"
25 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आ. भाई बलराम जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। "
32 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आ. भाई अमरुद्दीन जी, घ की ध्वनि ग से कैसे उच्चारित हो सकती है ? यह मैं आपसे ही सुन रहा हूँ। क्या हम…"
36 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"दफ़'अ दफ़ २ 'अ १ दफ़ का उच्चारण एक साथ २ और 'अ (ऐन) १ को अलग से उच्चारित किया जाता…"
1 hour ago
Samar kabeer commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"बहुत शुक्रिय: भाई मिथिलेश वामनकर जी ।"
1 hour ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"जनाब दयाराम मेठानी जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है लेकिन ग़ज़ल अभी समय चाहती है । अमित…"
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service