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कब से देखा है,
Posted on October 11, 2011 at 9:00am — 5 Comments
अभी कुछ दिनो पहले
Posted on July 25, 2011 at 7:30pm — 16 Comments
Posted on July 17, 2011 at 7:30pm — 9 Comments
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Comment Wall (6 comments)
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बहुत खूब कहा आराधना जी आपने है-
"एक बात कही थी याद है अब तक
लहज़े-वह्ज़े याद नहीं
एक दर्द हुआ, एहसास है अब तक
दिल या ज़हन में याद नहीं |"
आराधना जी,मन को मोह लेती हैं आपकी रचनाएँ .बधाई
मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…
सदस्य टीम प्रबंधनSaurabh Pandey said…
इस साहित्यिक जगत में आपका स्वागत है.
क्या आप मुझे जानते हैं? यदि ऐसा नहीं है तो कोई बात नहीं. प्रत्युत्तर मत दीजिएगा.
वस्तुतः जिस शहर का नाम आपने अपने प्रोफाइल में चस्पाँ किया है उस शहर से मेरा अतीत भी नुमाया है. अतः इस बेबाकी से पूछ पा रहा हूँ.
आपने मेरे लिखे को पसंद किया इस हेतु शुक्रगुज़ार हूँ.
सादर.