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देखो मित्रो ! अब हम बोलें भी तो क्या बोलें। क्यों बोलें ?! देखो न कुछ लोग बोलते हैं सुनते नहीं और कुछ लोग सिर्फ बोलते हैं सुनते नही और कुछ कुछ भी बोले बिना सिर्फ सुनते जाते हैं .यूं की बोलने वालों पे…Continue
Tags: charcha
Started this discussion. Last reply by DEEP ZIRVI Dec 8, 2010.
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कुछ हल्का-फुल्का
इश्क-विश्क का फंडा ,यारा टेंशन वेंशन भूल .
और झमेले लाखों यारा ,रख अपने को cool .
'हिंदी वाले 'फूल' से चेहरे ,दिल्फैंकों को अक्सर .
मान के चलते सोच के चलते , इंग्लिश वाले 'fool '
कलयुग आया ,लड़का लडकी प्रेमिका प्रेमी कम हैं ;
इक दूजे को use ये करते समझ समझ के tool .
खूब निभे गी यारी यारा मेरी तेरी सब की ;
खुद की ego मार दबा दे ,दे न खुद को तूल.
आप को जो इक लाफा…
ContinuePosted on August 3, 2012 at 2:30pm — 1 Comment
मानो तो रूह क़ा नाता है जी ये राखी
न मानो कच्चा धागा है जी ये राखी .
जो राखी को दम्भ-आडम्बर मानते हैं ;
उन का मन भी तो अपनाता है ये राखी .
बहना के मन से उपजी हर इक दुआ है ये ;
भाई-बहन से बंधवाता है ये राखी .
सभ्य समाज की नींव के पत्थर नातों का…
ContinuePosted on July 27, 2012 at 7:00pm — 1 Comment
उगते रिश्ते ,ढलते रिश्ते ;
रुकते रिश्ते चलते रिश्ते .
मन के रिश्ते मन से रिश्ते
तन के रिश्ते तन से रिश्ते
अपने रिश्ते बनते रिश्ते
सपने रिश्ते तनते रिश्ते .
उसके रिश्ते इसके रिश्ते
रिसते रिश्ते ,घिसते रिश्ते .
शासक रिश्ते शासित रिश्ते ,
बेदम रिश्ते ,बा-दम रिश्ते .
रिश्ते नीरज ,नीरस रिश्ते
रिश्ते सुधा कहीं गरल रिश्ते .
आंगन रिश्ते उपवन रिश्ते ,
हैं धरा जलद गगन रिश्ते .
रिश्ते पूनम क़ा चाँद भी हैं ,
तारे नयनाभिराम भी…
Posted on July 24, 2012 at 6:30am — 2 Comments
रोती रोटी क्यों रो रही ,कर लो बात ,
रोटी रोटी क्यों हो रही ,कर लो बात;'
तरकारी के भाव चले विन्ध्याचल को
तन्हा रोटी यों रो रही ,कर लो बात .
धान ज्वारी मक्का बासमती पेटेंट ;
नयनन जल रोटी ले रो रही कर लो बात.
भूखे को तो चंदा में रोटी दीखे;
चंदा रोटी एक हो रही ? कर लो बात .
रात को खा के सोए सुबह पेट ;
रोटी रोटी देख हो रही कर लो बात .
तीरों तलवारों से न टूटे छल बल से ;
टूटे भूखे पेट वो…
Posted on July 17, 2012 at 5:30pm — 1 Comment
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