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बन कान्हा की बाँसुरी, अधरों को लूँ चूम
रस पी कान्हा प्यार का ,नशे संग लूँ झूम ।।
ऐसा तेरी प्रीत का ,नशा चढ़ा चितचोर
अधर चूम के बाँसुरी ,करे ख़ुशी से शोर ।।
बन कान्हा की बाँसुरी, खुद पर कर लूँ नाज
जन्म सफल होगा तभी ,छू लूँ उसकोआज ।।…
ContinuePosted on June 26, 2015 at 10:36pm — 1 Comment
मन बच्चा है बहलाने को
मिट्टी के खिलौने बनायें
किसी के सिर पर रखकर चोटी
किसी के माथे तिलक लगायें
किसी के मुँह पर लगा के दाढ़ी
किसी को सुन्दर साड़ी पहनायें
किसी के सिर पर रखकर टोपी
किसी के सिर पगड़ी पहनायें
काश मानव हों मिट्टी के खिलौने
मौला, पंडित ,फादर…
Posted on February 17, 2015 at 10:30am — 15 Comments
युवाओं में ब्रेक अप पार्टी का चलन देख कुछ ख्यालों ने दिल पर दस्तक दी आपकी नजर करती हूँ ...
आओ मिलें ऐ दोस्त ,बिछुड़ जाने के लिए
फिर से याद करें वो यादें ,भूल जाने के लिए
आओ मिलें एक बार
लेकर यादों का वो पिटारा
इक मेरा तुम इक तेरा मैं
वापिस करें..
वो अनमोल लम्हे
जो जिए हमने संग संग
वो दुःख दर्द जो बाँटें हमने संग संग
वो आँसू जिनसे भिगोया तकिया
एक दूसरे की याद में
वापिस करें ...
जो…
ContinuePosted on February 2, 2015 at 10:00pm — 4 Comments
आओ मिलकर दीप जलायें
अंधकार को दूर भगायें
जगमग जगमग हर घर करना
अन्धकार है सबका हरना
अम्बर से धरती पर तारे
साथ चाँद को नीचे लायें
अंतर्मन का तमस हरेंगे
कलुषित मन में प्रेम भरेंगे
द्वेष,बुराई और वासना
मिलकर सारे दूर हटायें
उत्सव है यह दीवाली का
सुख समृद्धि और खुशहाली का
भेदभाव आपस के भूलें
मन में शांति दीप जलायें
दीपों की पंक्तियाँ जगाई
धरती अपनी है चमकाई
सद्ज्ञान के दीप…
Posted on October 23, 2014 at 10:29pm — 4 Comments
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Comment Wall (8 comments)
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सरिता जी, आपका भी स्नेह ....अच्छे दिनों पर जो बरस जाये............कृपया रचना देखें
सरिता जी आपको बधाई
आदरणीया सरिता जी महीने का सक्रीय सदस्य चुने जाने पर आपको ढेर सारी बधाईयाँ ..सादर
मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…
आदरणीया श्रीमती सरिता भाटिया जी,
सादर अभिवादन,
यह बताते हुए मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है कि ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार में आपकी सक्रियता को देखते हुए OBO प्रबंधन ने आपको "महीने का सक्रिय सदस्य" (Active Member of the Month) घोषित किया है, बधाई स्वीकार करें |प्रशस्ति पत्र उपलब्ध कराने हेतु कृपया अपना पता एडमिन ओ बी ओ को उनके इ मेल admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध करा दें | ध्यान रहे मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई है |
हम सभी उम्मीद करते है कि आपका सहयोग इसी तरह से पूरे OBO परिवार को सदैव मिलता रहेगा |
सादर ।
आपका
गणेश जी "बागी"
संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक
ओपन बुक्स ऑनलाइन
हम भी आपके शुक्रगुज़ार हैं सरिता जी..
आदरणीया सरिता जी मार्गदर्शन करते रहें, धन्यवाद !
bhut sunder .aaap likhne ka pryas karte rhiye...achchha likh paogi