For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Ravindra Prabhat
  • Male
  • Lucknow (U.P.) India
  • India
Share on Facebook MySpace

Ravindra Prabhat's Friends

  • SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR
  • rajesh kumari
  • Aparna Bhatnagar
  • आशीष यादव
 

Ravindra Prabhat's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
Lucknow
Native Place
Sitamarhi
Profession
Manager
About me
I am Writer

Ravindra Prabhat's Blog

ग़ज़ल: कांच के जज़्बात

कांच के जज़्बात, हिम्मत कांच की

यार ये कैसी है इज्जत कांच की

.

पालते हैं खोखले आदर्श हम-

माँगते हैं लोग मन्नत कांच की

.

पत्थरों के शहर में महफूज़ है-

देखिये अपनी भी किस्मत कांच की

.

चुभ…

Continue

Posted on March 11, 2016 at 2:53pm — 2 Comments

कहानी : रसबतिया

इस बार बारिशें देर से हुई है। हुई भी तो क्या न खेत खलिहान भीगे, न डबडबाया बड़ा बाला ताल । उमगती रह गई घाघरा इधर से उधर। न नानी का कवनों टोटका काम आया न नंग-धरंग बच्चों का अनुष्ठान । कभी उत्तर से तो कभी दक्षिण से, कभी पूरब से तो कभी पश्चिम से रह-रहके एक ही आवाज आती रही ‘‘काल-कलौती-पीयर-धोती मेघा सारे पानी दे’’।  बच्चों के अनुरोध पर पानी तो दिया इंद्र भगवान ने मगर मूत के बराबर । कायदे से न ढोर-डांगर भीगे न ताल-तलैया । चारो तरफ बस कीचड़ हीं कीचड़ । जिस तरह से बादर उमड़ घुमड़ आये थे, लग रहा था झम के…

Continue

Posted on July 7, 2012 at 11:26am — 5 Comments

ग़ज़ल - मुस्करा के वेबजह ना मेहरबानी कीजिये

खेलिए ज़ज़्बात से मत  खौफ़ तारी कीजिये 
मुस्करा के वेबजह ना  मेहरबानी  कीजिये 
.
छेडिये इक जंग ग़ुरबत को मिटाने के लिए 
घोषणा मत खोखली या मुँह जबानी कीजिये 
.
कौन है जो चांदनी का नूर फैलाता है अब
सोचिये कुछ सोचिये कुछ मगजमारी कीजिये 
.
आईए करिए मनौव्वर इस जहां को इल्म से  -
बात खुलकर हर किसी से प्यारी-प्यारी कीजिए

.
बैठे - बैठे प्यास का मसअला होगा…
Continue

Posted on April 3, 2012 at 7:30pm — 16 Comments

ग़ज़ल : हो गयी नंगी सियासत, वजह क्या है ?

 

ग़ज़ल

भूख-वहशी , भ्रम -इबादत वजह क्या है

हो गयी नंगी सियासत, वजह क्या है ?

 

मछलियों को श्वेत बगुलों की तरफ से -

मिल रही क्या खूब दावत, वजह क्या है ?

 

राजपथ पर लड़ रहे हैं भेडिये सब…

Continue

Posted on May 24, 2011 at 11:31am — 2 Comments

Comment Wall (4 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"बहुत बेहतरीन ग़ज़ल। एक के बाद एक कामयाब शेर। बहुत आनंद आया पढ़कर। मतले ने समां बांध दिया जिसे आपके हर…"
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब जब मलाई लिख दिया गया है यानी किसी प्रोसेस से अलगाव तो हुआ ही है न..दूध…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, पहलगाम की जघन्य आतंकी घटना पर आपने अच्छे दोहे रचे हैं. उस पर बहुत…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, महाकुंभ विषयक दोहों की सार्थक प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. एक बात…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"वाह वाह वाह !  आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महान व्यक्तित्व को…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"जय हो..  हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  जिन परिस्थितियों में पहलगाम में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया, वह…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
Monday
Shabla Arora updated their profile
Monday
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
Monday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service