For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Sushil.Joshi
Share on Facebook MySpace

Sushil.Joshi's Friends

  • जितेन्द्र पस्टारिया
  • Priyanka singh
  • वेदिका
  • SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR
  • Akshay Thakur " परब्रह्म "
  • Ratnesh Raman Pathak
 

Sushil.Joshi's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
Delhi
Native Place
Pauri Garhwal
Profession
Pvt. Job
About me
I like reading and writing hindi poetry.

Sushil.Joshi's Photos

  • Add Photos
  • View All

Sushil.Joshi's Blog

बताशा लगती हो तुम

बताशा लगती हो तुम

.

हिंदी के समान प्यारी, कोमल, सुरीली, मृदु,

घोले जो मिठास ऐसी भाषा लगती हो तुम,

जीवन में नीरसता, जैसे चहुँ ओर फैले,

तिमिर निराशाओं में आशा लगती हो तुम,…

Continue

Posted on November 9, 2013 at 9:30am — 34 Comments

गीत (रिश्ते नाते हारे)

गीत (रिश्ते नाते हारे)

गया सवेरा, ख़त्म दोपहर, ढली सुनहरी शाम,   

आँखें ताक रहीं शून्य, और मुँह में लगा विराम,

गीत, गज़ल ख़ामोश खड़े औ कविता हुई उदास,

जब सबने छोड़ा साथ,…

Continue

Posted on October 27, 2013 at 7:48am — 16 Comments

चोरी (लघु कथा)

“इन्सपैक्टर साहब, मैं तो कहती हूँ कि हो न हो मेरे गहने मेरी सास ने ही चुराए हैं..... बहुत तिरछी नज़र से देखती थी उनको...... अब सैर के बहाने चंपत हो गई होगी उन्हें लेकर।“ – बड़े गुस्से में रौशनी ने कहा

वहीं रौशनी का पति दीपक चुपचाप खड़ा था।

इससे पहले की इन्सपैक्टर साहब कुछ कहते रौशनी की सास घर वापस लौटती दिखी। अपने घर पर भीड़ देखकर वे कुछ परेशान हुईं और कारण जानकर वे फिर से साधारण हो गईं जैसे कि वे चोर के बारे में जानती हों। अंदर अपने कमरे में जाकर वो दो कड़े और एक चेन लेकर वापस…

Continue

Posted on October 26, 2013 at 6:30am — 26 Comments

जैसे को तैसा

जैसे को तैसा

आज करवाचौथ के दिन मैं अपनी बीवी से बोला – “प्रिये...

तुम मेरी किडनी के समान हो,

किंतु शादी के बाद के इन 5 वर्षों में

तुम्हारी हालत बिल्कुल

हमारी सरकार जैसी हो गई है,…

Continue

Posted on October 22, 2013 at 7:35am — 22 Comments

Comment Wall (4 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 10:49pm on November 2, 2010,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 5:39pm on November 2, 2010, Admin said…

At 1:32pm on November 2, 2010, PREETAM TIWARY(PREET) said…

At 1:26pm on November 2, 2010,
प्रधान संपादक
योगराज प्रभाकर
said…
oBo परिवार मे आपका बहुत बहुत स्वागत है सुशील जोशी जी !
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
10 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
23 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service