Added by ASHVANI KUMAR SHARMA on February 9, 2011 at 11:30pm — No Comments
Added by neeraj tripathi on February 9, 2011 at 4:33pm — No Comments
बड़े सामान्य से दिन हैं ....
बेमौसम बारिशें हैं,
और सांझ की बयार में ख्वाहिशें हैं,
वही सहमी सी धूप है,
और कहीं इसमें गुमसुम,
छांव का इक रूप है,
वही चंचल से वृक्ष हैं,
और बहती हवा के साथ निष्पक्ष हैं,
वही हैं चेहरे....जाने पहचाने,
और छुपे हुए उनमे रंग,
कितने अनजाने,
वही हैं मुरादें अब भी....मन में,
और जानता है मस्तिष्क,
नहीं होंगी ये पूरी,
इस जीवन में.
बड़े सामान्य से दिन हैं ....
Added by neeraj tripathi on February 9, 2011 at 4:31pm — 1 Comment
Added by neeraj tripathi on February 9, 2011 at 4:28pm — No Comments
Added by neeraj tripathi on February 9, 2011 at 11:16am — 1 Comment
Added by neeraj tripathi on February 9, 2011 at 11:14am — 1 Comment
रिपोर्ट :- 'हीरे जैसी धार' बनाम कथ्य शिल्प -०४
कथ्य शिल्प की चौथी मासिक कवि गोष्ठी दिनांक ०८ फरवरी २०११ को काशी के पराडकर भवन में आयोजित की गयी | अध्यक्षता पंडित श्रीकृष्ण तिवारी ने की | विशिष्ट अतिथि…
ContinueAdded by Abhinav Arun on February 9, 2011 at 9:46am — 2 Comments
ग़ज़ल :- ग़ज़ल मेरी में कोई छल नही है
ग़ज़ल मेरी में कोई छल नहीं है ,
समस्याएं बहुत हैं हल नहीं है |
तुम्हारी फाइलें नोटों से तर हैं ,
पियासे गांव में एक नल नहीं हैं |
तरक्की के नए आयाम देखो…
ContinueAdded by Abhinav Arun on February 9, 2011 at 8:31am — 6 Comments
अंक १ आज का दिन कोई विशेष बदलाव आपकी स्थिति में नहीं होगा/परन्तु आज नव निवेश न कर व अपने सहचर की किसी प्रकार की अवहेलना न केरे,अन्यथा पेरशानी का सामना करना पड़ेगा/
अंक २
आज अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें/आहार और सेहत पर भी विशेष ध्यान दें/
सोंदर्य प्रसाधन विक्रेता,चोकोलेट,कोफी
,चमड़े के उत्पादों के व्यवसायी ,फैशन व ग्लैमर की गतिविधियों से जुड़े लोगों के लिए अनुकूल दिन है/
अंक ३
ग्रहस्थ व् व्यवसाय,नौकरी की जिम्मेवारियां सहजता से निभा …
ContinueAdded by rajni chhabra on February 8, 2011 at 10:20pm — No Comments
Added by aleem azmi on February 8, 2011 at 2:13pm — No Comments
Added by Dr Nutan on February 8, 2011 at 6:00am — 15 Comments
Added by prabhat kumar roy on February 7, 2011 at 6:15pm — 3 Comments
कविता :- हर ले वीणा वादिनी !
देश को लूट कर
हक़ हकूक छीन कर
जो बने हैं बड़े
और तन कर खड़े
बेशर्म बेहया
उन दरख्तों के पत्ते और सत्ते ओ माँ !
उनकी धूर्त और मक्कार शाखाएं भी
तू हरले सभी !
तू हरले…
Added by Abhinav Arun on February 7, 2011 at 4:00pm — 3 Comments
"परिवर्तन" की ८१ वीं गोष्ठी
काशी की सक्रीय संस्था "परिवर्तन" की ८१ वीं काव्य गोष्ठी दिनांक ०६ फरवरी २०११ को जनाब अफ़सोस गाजीपुरी के निवास पर हुई | इसमें बेखुद गाजीपुरी की अध्यक्षता में शाद शिकोहबादी , रोशन मुगलसरावी , अभिनव अरुण , मजहर शकुराबादी , शमीम गाजीपुरी , डॉ.मंजरी पाण्डेय ,आदि कवियों -शायरों ने अपनी रचनाओं का पाठ किया |संचालन डॉ. सुमन राव ने किया |
करीब पचहत्तर वर्षीय जनाब अफ़सोस गाजीपुरी इस संस्था को पिछले…
ContinueAdded by Abhinav Arun on February 7, 2011 at 3:43pm — 2 Comments
Added by Bhasker Agrawal on February 7, 2011 at 3:09pm — 3 Comments
Added by अमि तेष on February 7, 2011 at 11:00am — 2 Comments
ये कैसा महिला का महिला के प्रति प्यार ?
एक चीख मेरे कानो में गूंजती है ..बात छह महीने पहले की है ..जबकि एक चीख की आवाज पर मैं अपने चेम्बर से बाहर निकली तो पाया - दर्द में पीड़ित महिला को, जो आठ माह के गर्भ से थी काफी रक्तस्त्राव की वजह से पीली पड़ी हुवी थी | मैं स्त्रीरोग…
Added by Dr Nutan on February 6, 2011 at 11:30pm — 6 Comments
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