मजदूर हूँ मैं किसान हूँ
सबके करीब सबसे दूर हूँ
तपती लू के थपेड़ों ने
झुलसाया मुझे बहुत
अनवरत करता रहा भूख प्यास से व्याकुल
होकर भी अपना काम
कभी पाला कभी कोहरा प्रकति…
ContinueAdded by Pragya Srivastava on February 4, 2014 at 11:00pm — 5 Comments
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