221 2121 1221 212
गर बीज है जमीन में अंकुर भी आयेगा
,जागेगी ये अवाम तग़य्युर भी आयेगा
'ज़ह्नों में लाज़मी है तहय्युर भी आयेगा
बदलाव आयेगा तो तफ़क्कुर भी आयेगा
इंसानियत का आज कोई गीत गा रहा
,जब साज है नया तो नया सुर भी आयेगा
आना न मेरी जिन्दगी में तुम कभी सनम
,आए तो फुर्कतों का तसव्वुर भी आयेगा
'कमसिन रहे वो नाज़नीं यारो दुआ करो
आया अगर शबाब तकब्बुर भी आयेगा'
लिखदी ग़ज़ल समाज पे शाइर ने इक…
Added by rajesh kumari on February 6, 2018 at 5:30pm — 16 Comments
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