2122 1212 22
रोज किसके यहाँ तू* जाता है,
राज अब कौन सा छुपाता है !!
है इमां साथ में अगर तेरे,
साथ वो दूर तक निभाता है !!
जब रहे साथ साथ हम दोनों
प्यार का गीत तब ही* भाता है !!
देखता हूँ अजीब से सपने,
नीद को कौन आ चुराता है !!
आज बनना सभी को* है टाटा,
ख्व़ाब बुनना तो सबको* आता है !!
शोक इतने नहीं किया करते,
बस यही जिंदगी का* नाता है…
ContinueAdded by Alok Mittal on March 14, 2015 at 4:00pm — 11 Comments
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