For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Deepak Sharma Kuluvi's Blog – March 2012 Archive (5)

लुत्फ़-ए-बुढ़ापा

लुत्फ़-ए-बुढ़ापा 




एक कतरा दर्द-ए-दिल का उनके ही काम आया

जब मिला न कोई हमदर्द तो यही काम आया  
हम तो 'दीपक' की मानिंद जले जलते गए
मेरा रोना भी उन्हें शायद न…
Continue

Added by Deepak Sharma Kuluvi on March 28, 2012 at 3:06pm — 7 Comments

बेहिसाब मिला

गम मिला मुझको बेहिसाब मिला 

बस मुहब्बत का यह ईनाम मिला 
गम मिला मुझको--------------
.

हमको आता है मज़ा जलने में हकीकत है…
Continue

Added by Deepak Sharma Kuluvi on March 27, 2012 at 11:30am — 7 Comments

बुझना ही होता है

बुझना ही होता है

वोह जाना चाहते थे दूर

किनारा कर किया हमनें
न हो तकलीफ उनको
यह ईरादा कर लिया हमनें 
वोह जाना चाह----------
बड़ा मुश्किल था जीना क्या…
Continue

Added by Deepak Sharma Kuluvi on March 26, 2012 at 10:40am — 6 Comments

वेदर्द



वेदर्द 


मेरी ज़िन्दगी मुझसे रूठी रही

हम मनाते रहे वोह रुलाती रही 
दूर जाने की कोशिश बहुत की मगर
याद उनकी  तो अक्सर ही  आती रही 
भूलना भी न था  हम भी करते तो क्या
बेवफाई से बेहतर था अपना…
Continue

Added by Deepak Sharma Kuluvi on March 22, 2012 at 5:46pm — 7 Comments

शिक़ायत

शिक़ायत

मेरे दिल के कुछ कांटे
मेरे साथ रहे और चुभते रहे
वोह मुझको छलनी करते रहे
हम उनकी हिफाज़त करते रहे
अपना गुनाह बस इतना था
हम उनको अपना कह बैठे
वह हमसे नफरत करते रहे
हम उनसे मुहब्बत करते रहे
हम दीपक थे जलना ही था
पर वफ़ा की आग में जलते रहे
वह समझ न पाए प्यार मेरा
दुनियाँ से शिक़ायत करते रहे

दीपक शर्मा 'कुल्लुवी'
9350078399
१६.०३.१२.

Added by Deepak Sharma Kuluvi on March 16, 2012 at 11:46am — 9 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar shared their blog post on Facebook
2 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"स्वागतम"
14 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय गजेंद्र जी, हृदय से आभारी हूं आपकी भावना के प्रति। बस एक छोटा सा प्रयास भर है शेर के कुछ…"
14 hours ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"इस कठिन ज़मीन पर अच्छे अशआर निकाले सर आपने। मैं तो केवल चार शेर ही कह पाया हूँ अब तक। पर मश्क़ अच्छी…"
15 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय गजेंद्र ji कृपया देखिएगा सादर  मिटेगा जुदाई का डर धीरे धीरे मुहब्बत का होगा असर धीरे…"
16 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"चेतन प्रकाश जी, हृदय से आभारी हूं।  साप्ताहिक हिंदुस्तान में कोई और तिलक राज कपूर रहे होंगे।…"
16 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"धन्यवाद आदरणीय धामी जी। इस शेर में एक अन्य संदेश भी छुपा हुआ पाएंगे सांसारिकता से बाहर निकलने…"
16 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय,  विद्यार्जन करते समय, "साप्ताहिक हिन्दुस्तान" नामक पत्रिका मैं आपकी कई ग़ज़ल…"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"वज़न घट रहा है, मज़ा आ रहा है कतर ले मगर पर कतर धीरे धीरे। आ. भाई तिलकराज जी, बेहतरीन गजल हुई है।…"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आ. रिचा जी, अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
16 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीया, पूनम मेतिया, अशेष आभार  आपका ! // खँडहर देख लें// आपका अभिप्राय समझ नहीं पाया, मैं !"
16 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय रिचा यादव जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
17 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service