मुक्तक-- जो कि होली के साथ सबको होली की शुभकामनायें...........
आज होली के नाम पर तरसे
रोज तरसे जो आज भी तरसे,
जिंदगी गम का इक पहाड हुई,
कल भी पत्थर थे आज भी बरसे।।
.......................................सूबे सिंह सुजान
Added by सूबे सिंह सुजान on March 27, 2013 at 10:08pm — No Comments
शख़्स जब वो इधर से गुजरा है
एक पत्थर जरूर पिघला है।
दिल मेरा बार-बार धडका है,
क्यूँ मुझे कोई डर सा रहता है।
मेरा महबूब मेरा इतना है,
ज़िन्दगी भर की कोई आशा है।
चाँदनी आज और बढ गई है,…
Added by सूबे सिंह सुजान on March 14, 2013 at 7:00am — 11 Comments
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