२१२२/२१२२/२१२१२
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ज़िन्दगी क़दमों पे थी तब शूल थे गड़े,
जब चले कांधो पे, पीछे... फूल थे पड़े.
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काम तो छोटे ही आये.. वक़्त जब पडा,
लिस्ट में कितने अगरचे नाम थे बड़े.
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एक है अल्लाह ये कह कर गये रसूल,…
Added by Nilesh Shevgaonkar on May 29, 2016 at 7:47pm — 19 Comments
१२२२/१२२२/१२२
ख़ुदाया आज फिर धडकन थमी है,
किसी की याद दिल में चुभ रही है.
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मसीहा को मसीहाई चढ़ी है,
मसीहा को हमारी क्या पड़ी है.
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कहीं पर अश्क मिट्टी हो रहे हैं
कहीं प्यासी तड़पती ज़िन्दगी है.
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कई जुगनू चमक उट्ठे हैं
लेकिन कमी सूरज की रातों में खली है.
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मेरी नज़रें जमी हैं आसमां पर,
न जानें क्यूँ वहाँ भी ख़लबली है.
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रगड़ता है हर इक साहिल पे माथा,
समुन्दर की ये कैसी बे-बसी है.
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गुनाहों में गिनीं जाएगी…
Added by Nilesh Shevgaonkar on May 10, 2016 at 8:23am — 8 Comments
२१२२/१२१२/२२ (११२)
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अश्क आँखों से फिर बहा जाये,
अपना जाये, किसी का क्या जाये.
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तुम अगर चश्म-ए-तर में आ जाओ,
झील में चाँद झिलमिला जाये.
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ढ़लती उम्रों के मोजज़े हैं मियाँ
इक बुझा जाए, इक जला जाये.
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याद माज़ी को कर के जी लूँगा,
फिर जहाँ तक ये सिलसिला जाये.
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ज़ह’न कहता है, कर ले सब्र ज़रा,
और दिल है कि बस…
Added by Nilesh Shevgaonkar on May 6, 2016 at 7:00am — 20 Comments
१२१२/११२२/१२१२/२२ (११२)
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नए मिज़ाज के लोगों में तल्खियाँ हैं बहुत,
कई ख़ुदा से, कई ख़ुद से सरगिराँ हैं बहुत.
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किसी के मिलने मिलाने का पालिये न भरम,
ज़मीं-फ़लक में उफ़ुक़ पर भी दूरियाँ हैं बहुत.
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अभी ग़ज़ल में कई रँग और भरने हैं,
अभी ख़याल की शाख़ों पे तितलियाँ हैं बहुत.
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सियासी चाल है हिन्दी की जंग उर्दू से,
सहेलियाँ हैं ये बचपन की; हमज़बाँ हैं बहुत.
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परिंदे यादों के, आ बैठते हैं ताक़ों पर,
उजाड़ माज़ी के खंडर में खिड़कियाँ…
Added by Nilesh Shevgaonkar on May 4, 2016 at 5:42pm — 21 Comments
१२१२ /११२२ /१२१२ /२२ (११२)
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कोई चराग़ जला कर खुली हवा में रखो,
जो कश्तियाँ नहीं लौटीं उन्हें दुआ में रखो.
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ग़ज़ब सितम है इसे यूँ अलग थलग रखना,
शराब ज़ह’र नहीं है इसे दवा में रखो.
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इधर हैं बाढ़ के हालात और उधर सूखा,
हमारी दीदएतर अब, उधर फ़ज़ा में रखो.
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शबाब हुस्न पे आया तो है मगर कम कम,
है मशविरा कि हया भी हर इक अदा में रखो.
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तमाम फ़ैसले मेरे तुम्हे लगेंगे सही,
अगर जो ख़ुद को कभी तुम मेरी क़बा में रखो.
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ज़बां…
Added by Nilesh Shevgaonkar on May 1, 2016 at 12:28pm — 20 Comments
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