कहते हो देशभक्त ,यदि अपने को आप !
लोग दे उदहारण ,ऐसा कर जाइये !!
तन मन धन सब ,लगाओ देश सेवा में !
लोग आप से ले सीख ,कुछ तो बताइये !!
देश का भी हो विकास ,खुद भी विकास करो !
जग में हो नाम ऐसे ,मान को बढ़ाइये!!
मात्र भाषणों से काम,…
ContinueAdded by ram shiromani pathak on May 31, 2013 at 1:00pm — 11 Comments
नाच नचाइ रही सबको अरु ,झूठ फरेब लिए बहु रंगे!
प्रेम क पाठ पढ़ाइ सबै फिर, भाग गयी वह दूसर संगे !!
रूप बिगाड़ फिरे मज़नू बन ,लागत हो जइसे भिखमंगे !
आपन बाल उखाड़ रहे अब ,आवत देखि दया…
Added by ram shiromani pathak on May 29, 2013 at 3:30pm — 12 Comments
बन गया हूँ भिखारी ,लगी थी प्रेम बीमारी !
थोड़ी दया दिखाकर ,मुझको बचाइये !
मुझको ऐसा निचोड़ा ,अब कहीं का ना छोड़ा !
जान बच जाय ऐसी ,युक्ति तो बताइए !!
माना गलती हो गयी ,थोड़ी देर कर गया !
बालक समझकर ,कष्ट से उबारिये !
कान पकड़कर अब ,माफ़ी…
Added by ram shiromani pathak on May 13, 2013 at 9:47pm — 10 Comments
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