For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Anwar suhail's Blog – June 2013 Archive (4)

कविता में प्रेम



उसने मुझसे कहा



ये क्या लिखते रहते हो



गरीबी के बारे में



अभावों, असुविधाओं,



तन और मन पर लगे घावों के बारे में



रईसों, सुविधा-भोगियों के खिलाफ



उगलते रहते हो ज़हर



निश-दिन, चारों पहर



तुम्हे अपने आस-पास



क्या सिर्फ दिखलाई…

Continue

Added by anwar suhail on June 20, 2013 at 10:28pm — 4 Comments

दुःख सहने के अभ्यस्त

उनके जीवन में है दुःख ही दुःख

और हम बड़ी आसानी से कह देते

उनको दुःख सहने की आदत है...

वे सुनते अभाव का महा-आख्यान

वे गाते अपूरित आकांक्षाओं के गान

चुपचाप सहते जाते जुल्मो-सितम

और हम बड़ी आसानी से कह देते

अपने जीवन से ये कितने सतुष्ट हैं...

वे नही जानते कि उनकी बेहतरी लिए

उनकी शिक्षा,…

Continue

Added by anwar suhail on June 17, 2013 at 8:43pm — 11 Comments

जाने कब मिलेंगे हम अब्बू आपसे...

जाने कब मिलेंगे हम अब्बू आपसे...

-----------------------------------------अनवर सुहैल (मौलिक अप्रकाशित और अप्रसारित कविता)



कब मिलेगी फुर्सत

कब मिलेगा मौका

कब बढ़ेंगे कदम

कब मिलेंगे हम अब्बू आपसे...



बेशक, आप खुद्दार हैं

बेशक, आप खुद-मुख्तार हैं

बेशक, आप नहीं देना चाहते तकलीफ

        अपने वजूद से,

                      किसी को भी

बेशक , आप नहीं बनना चाहते

                   बोझ किसी पर..

तो क्या इसी बिना पर

हम आपको छोड़…

Continue

Added by anwar suhail on June 11, 2013 at 8:26pm — 8 Comments

अभी तो मुझे

अभी तो मुझे

दौड कर पार करनी है दूरियां

अभी तो मुझे

कूद कर फलांगना है पहाड़

अभी तो मुझे

लपक कर तोडना है आम

अभी तो मुझे

जाग-जाग कर लिखना है महाकाव्य

अभी तो मुझे

दुखती लाल हुई आँख से

पढनी है सैकड़ों किताबें

अभी तो मुझे

सूखे पत्तों की तरह लरज़ते दिल से

करना है खूब-खूब प्या....र

तुम निश्चिन्त रहो मेरे दोस्त

मैं कभी संन्यास नही लूँगा...

और यूं ही जिंदगी के मोर्चे में

लड़ता रहूँगा नई पीढ़ी के साथ

कंधे से कंधा… Continue

Added by anwar suhail on June 4, 2013 at 8:21pm — 7 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
43 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
54 minutes ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
1 hour ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। पंचकल त्रिकल के प्रयोग…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी, आपकी प्रस्तुति के लिए बधाई के साथ-साथ धन्यवाद भी। कि, इस पटल पर, इस खुले आयोजन…"
3 hours ago
Chetan Prakash commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"वाकई  खूबसूरत शुद्ध हिन्दी गजल हुई, आदरणीय! "कर्म हम रणछोड  के अनुसार भी करते…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीया रक्षिता जी,  आपकी इस कविता में प्रदता शीर्षक की भावना निस्संदेह उभर कर आयी…"
4 hours ago
Chetan Prakash commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक शेर की विषय - वस्तु…"
6 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"धन्यवाद भाई लक्ष्मण धामी जी "
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
15 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service