रक्त पिपासु कीड़ा है नाम!
दर्द देना उनका है काम!!
कहें दर्द को कम करता जी!
वाह हमारे नेता जी!!
स्वेत वस्त्र पर दिल है काला!
गरीबोँ का खाते निवाला!!
फ़िर भी वो भूखा रहता ज़ी!
वाह हमारे नेता जी!!
जनता के पैसे खा जाते !
फ़िर भी सब को आँख दिखाते !!
मै तो सज्जन हूँ कहता जी!
वाह हमारे नेता जी!!
बोलबचन बस झूठे वादे!
गंदे इनके सदा इरादे!!
बिन बुलाया भूत दीखता जी!
वाह हमारे नेता…
Added by ram shiromani pathak on June 26, 2014 at 2:30pm — 10 Comments
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