Added by Abid ali mansoori on June 12, 2013 at 2:01pm — 20 Comments
Added by Abid ali mansoori on June 8, 2013 at 3:15pm — 3 Comments
सजी हैँ ख़्वाब बनकर
जुगनुओँ की तरह
मासूम हसरतेँ दिल की
हिज़्र की पलकोँ पर...
यह टीसती हवायेँ
यह लम्होँ की तल्खियां
मचलने लगी है
हर तमन्ना
वक्त की आगोश मेँ..
मुन्तज़िर है आज भी दिल
किसी मख़्सूस सी
आहट के लिए..
यह मंज़र यह फ़िज़ायेँ
यह प्यार का मौसम
कितना है हसीँ
तेरे इन्तेज़ार का मौसम..!
*******************************
(मौलिक व अप्रकाशित)
___आबिद अली मंसूरी
Added by Abid ali mansoori on June 7, 2013 at 11:00am — 24 Comments
किसी की याद आने का,कोई मौसम नहीँ होता,
अश्क फुरकत मेँ बहाने का,कोई मौसम नहीँ होता!
कौन जाने कब वफा से,बेवफा हो जाये को
फ़रेब इश्क मेँ खाने का,कोई मौसम नहीँ होता!
राहे उल्फ़त मेँ देखा है,हमने आसियां बनाकर,
दिल पे चोट खाने का,कोई मौसम नहीँ होता!
उम्र भर का निभाई साथ कोई,यह ज़रुरी तो नहीँ,
पल मेँ बिछड़ जाने का,कोई मौसम नहीँ होता!
अजनबी सी राहोँ मेँ हमसफर मिल जाते…
ContinueAdded by Abid ali mansoori on June 6, 2013 at 11:30am — 22 Comments
Added by Abid ali mansoori on June 5, 2013 at 9:54am — 17 Comments
Added by Abid ali mansoori on June 4, 2013 at 12:28pm — 14 Comments
वह शौक से मेरी जान लेगा,
हर कदम पे मेरा इम्तेहान लेगा,
पिघलेगा एक दिन मोम की तरह,
वह संगदिल मुझे जब पहचान लेगा,
गिर ही जायेँगी दीवारेँ नफरतोँ की,
मोहब्बत से काम जब इंसान लेगा,
मिलेगी 'आबिद' यहां मंजिल उसी को,
हौसलोँ से अपने जो भी उड़ान लेगा!
(मौलिक व अप्रकाशित)
_______आबिद
Added by Abid ali mansoori on June 3, 2013 at 1:30pm — 11 Comments
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