एक बहुत गरीब आदमी था। गाँव के लोगों के छोटे-मोटे काम करता रहता था , लोग जो दे देते उसी से अपने परिवार की गुजर बसर कर लेता था। गरीबी से परेशान फिर भी शांत। जीवन भी अनुभव के अलावा उसे कुछ दे नहीं रहा था। एक बार उसने सारा दिन गाँव के कुम्हार के घर काम किया। शाम को खुश होकर कुम्हार ने उससे कहा , जाओ एक बर्तन उठा लो , जो अच्छा लगे , जो तुम चाहो , बड़े से बड़ा।" पर उससे कुछ सोचते हुए एक छोटी सी गुल्लक उठाई। कुम्हार यह देख कर मुस्कुराया पर कुछ बोला नहीं। उसने कुम्हार को धन्यवाद दिया और अपने घर चला…
ContinueAdded by Dr. Vijai Shanker on June 27, 2016 at 9:30am — 17 Comments
Added by Dr. Vijai Shanker on June 25, 2016 at 7:53am — 8 Comments
Added by Dr. Vijai Shanker on June 20, 2016 at 9:46am — 6 Comments
Added by Dr. Vijai Shanker on June 14, 2016 at 11:03am — 20 Comments
क्यों कोई आया है ,
जान लेते हो ,
चेहरा पढ़ लेते हो ,
अनकहा , सुन लेते हो ,
आंसू जो बहे ही नहीं ,
देख - सुन लेते हो।
********************
सपने उन्हें दिखाते हो ,
पूरे अपने करते हो।
********************
अपनी सब जरूरतें जानते हो ,
गरीब की रोटी भी जानते हो।
********************
जान कहाँ बसती है , जानते हो ,
उनकीं भी जान है , जानते हो।
********************
सरकार में हो ,
पर सरकार से ऊपर हो।…
Added by Dr. Vijai Shanker on June 8, 2016 at 11:30am — 7 Comments
Added by Dr. Vijai Shanker on June 7, 2016 at 10:47am — 18 Comments
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