१.
उम्र के इस पड़ाव पर
खड़ा हूँ ये सोच कर
क्या खोया क्या पाया
समझूँ सबकुछ देख कर
वही पर हूँ
जहाँ पर था
उस समय भी
मैं ही था
आज भी हूँ
उस समय
मैं बालक था
लड़कपन और ठिठोली करता
आज भी हूँ
वही बालक
मगर अंतर हैं
तब वो पुत्र था
आज ये पिता है.
२.
मैं स्कूल नहीं जाऊँगा ,
जब ये शब्द मुझे याद आते हैं
कसम से
बहुत याद…
Added by Rash Bihari Ravi on July 25, 2011 at 7:30pm — 4 Comments
सृष्टि का सर्वाधिक बुद्धिमान प्राणी मनुष्य ,
Added by Rash Bihari Ravi on July 25, 2011 at 7:00pm — 2 Comments
"एक"
वो ओजस्वी शब्द जो सब कुछ बदल दिया,
Added by Rash Bihari Ravi on July 21, 2011 at 6:00pm — 2 Comments
Added by Rash Bihari Ravi on July 11, 2011 at 11:30am — 21 Comments
Added by Rash Bihari Ravi on July 4, 2011 at 12:00pm — 12 Comments
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