पावस का इस बार भूमि पर
प्यार बहुत उमड़ा है।
लेकिन क्या सुख संचय होगा?
संशय नाग
खड़ा है।
मक्कारी, गद्दारी, लालच,
शासन के कलपुर्ज़े।
बूँद-बूँद को चट कर देंगे,
घन बरसे या गरजे।
भरे सकल जल-स्रोत लबालब,
सागर ज्वार चढ़ा है।
मगर उसे नल नहलाएगा?
चिंतित मलिन
घड़ा है।
बन मशीन मानव ने भू के,
रोम-रोम को वेधा।
क्यों कुदरत फिर क्षुब्ध न होगी,
रुष्ट न…
ContinueAdded by कल्पना रामानी on July 26, 2013 at 7:27pm — 17 Comments
212221222122212
हक़ किसी का छीनकर, कैसे सुफल पाएँगे आप?
बीज जैसे बो रहे, वैसी फसल पाएँगे आप।
यूँ अगर जलते रहे, कालिख भरे मन के दिये,
बंधुवर! सच मानिए, निज अंध कल पाएँगे आप।
भूलकर अमृत वचन, यदि विष उगलते ही रहे,
फिर निगलने के लिए भी, घट- गरल पाएँगे आप।
निर्बलों की नाव गर, मझधार छोड़ी आपने,
दैव्य के इंसाफ से, बचकर न चल पाएँगे आप।
प्यार देकर प्यार लें, आनंद पल-पल बाँटिए,
मित्र! तय…
ContinueAdded by कल्पना रामानी on July 23, 2013 at 8:00pm — 49 Comments
स्नेह सुधा बरसाओ मेघा,
व्याकुल हुआ तरसता मन।
रिश्तों की जो बेलें सूखीं,
कर दो फिर से हरी भरी।
मन आँगन में पड़ी दरारें,
घन बरसो, हो जाय तरी।
सिंचित हो जीवन की धरती।
ले आओ ऐसा सावन।
दूर दिलों से बसी बस्तियाँ,
भाव शून्यता गहराई।
सरस सुमन निष्प्राण हो गए,
नागफनी ऐसी…
ContinueAdded by कल्पना रामानी on July 8, 2013 at 11:00pm — 14 Comments
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |