इक दिया तुमने जलाया होता
तम जरा सा ही हटाया होता
हिन्द में रहते सभी हिंदी हैं
भेद मजहब का मिटाया होता
साथ जीने में मजा आता है
पाठ सबको ये पढ़ाया होता
गर खता हमसे हुई माफ़ करो
वाकया गुजरा भुलाया होता
कुछ खुदा की यूं इबादत करते
रोते बच्चे को हसाया होता
चीरते हो बस मही का सीना
गुल से आँचल भी सजाया होता
दूध जिस माँ का पिया है तुमने
कर्ज कुछ उसका…
ContinueAdded by Dr Ashutosh Mishra on July 31, 2013 at 6:30pm — 12 Comments
खिड़कियाँ घर की तुम खुली रखना
नजरें दर पे ही तुम टिकी रखना
फिर से परवाना न मिटे कोई
बज्म में शम्मा मत जली रखना
दिल मेरा रहता बेक़रार बड़ा
तुम जरा सी तो बेकली रखना
कैद मुझको तू कर ले दोस्त मेरे
जुल्फ की ही पर हथकड़ी रखना
है हवाओं में अब जहर बिखरा
तू मगर आदत हर भली रखना
आरजू दिल में बस मेरे इतनी
अपने दिल में ही अजनबी रखना
आशु वो देगा सौं न पीने…
ContinueAdded by Dr Ashutosh Mishra on July 24, 2013 at 1:00pm — 10 Comments
जो नजर है कमाल की साहिब
वो नजर क्यूँ झुकी हुई साहिब
.
आज फिर दिल मेरा बेचैन सा है
आज फिर हमने पी रखी साहिब
.
जुल्फ की छाँव तले गुजरे दो पल
दो घड़ी ज़िंदगी ये जी साहिब
.
मरने में आएगा मज़ा हमको
क़त्ल कर दे हंसी नजर साहिब
.
जाम हाथों में इक बहाना है
हम कहाँ करते मयकशी साहिब
.
मैं नहीं बज्म में कभी आया
बात उसको ये खल गयी साहिब
.
डूब जायेंगे हम समंदर में
हो समंदर…
ContinueAdded by Dr Ashutosh Mishra on July 11, 2013 at 3:30pm — 3 Comments
याद दिन हम को सुहाने आ रहे हैं
फिर से उन यादों के बादल छा रहे हैं
हमने घर अपनें बनाये रेत पर जब
याद वो बचपन के मंजर आ रहे हैं
कोयलों नें धुन सुरीली छेड़ दी है
गीत भी दीवानें भौंरे गा रहे हैं
कर दिया है आज टुकड़े टुकड़े दिल
छोड़ कर हम बज्म सारी जा रहे हैं
माल पूआ खाए मुद्दत हो गयी थी
ख्वाब में देखा अभी हम खा रहे हैं
आशु ये महफ़िल हसीनो से भरी…
ContinueAdded by Dr Ashutosh Mishra on July 2, 2013 at 5:00pm — 13 Comments
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |