बादल भी है नुचा हुआ सा, वसुधा भी है टुकड़े टुकड़े
Added by Ashish Srivastava on August 28, 2013 at 2:00pm — 21 Comments
घोटाले कर कर हुई, भ्रष्ट आज सरकार
जनता डर डर रह रही, संसद भी बीमार
संसद भी बीमार, मिलै नहि मोहे चैना
जुल्मी है सरकार, बड़ा मुश्किल है रहना
कह सागर सुमनाय, काम तो इनके काले
खाना बांटे मुफ्त, करे नित नए घोटाले
आशीष श्रीवास्तव - सागर सुमन
मौलिक एवं अप्रकाशित
Added by Ashish Srivastava on August 27, 2013 at 7:30am — 15 Comments
Added by Ashish Srivastava on August 26, 2013 at 11:00pm — 16 Comments
Added by Ashish Srivastava on August 3, 2013 at 11:00am — 4 Comments
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