For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Harash Mahajan's Blog – September 2020 Archive (3)

मुहब्बत की जब इंतिहा कीजियेगा

122 122 122 122

***

मुहब्बत की जब इंतिहा कीजियेगा,

निगाहों से तुम भी नशा कीजियेगा ।

सफ़र दिल से दिल तक लगे जब भी मुश्किल ,

दुआओं की फिर तुम दवा कीजियेगा ।

नज़र ज़ुल्फ़ों पे गर टिकें ग़ैरों की तो,

यूँ आँखों में नफ़रत अदा कीजियेगा ।

मुझे सोच हों चश्म नम तो समझना,

ये जज़्बात अपने अता कीजियेगा ।

ये है इल्तिज़ा मर भी जाऊँ तो इतनी,

ख़ुदा से न तुम ये गिला कीजियेगा ।

मेरी आरज़ू बंदगी तुम…

Continue

Added by Harash Mahajan on September 16, 2020 at 12:00pm — 5 Comments

यार जब लौट के दर पे मेरे आया होगा

2122 1122 1122 22

***

यार जब लौट के दर पे मेरे आया होगा,

आख़िरी ज़ोर मुहब्बत ने लगाया होगा ।

याद कर कर के वो तोड़ी हुई क़समें अपनी,

आज अश्कों के समंदर में नहाया होगा ।

ज़िक्र जब मेरी ज़फ़ाओं का किया होगा कहीं,

ख़ुद को उस भीड़ में तन्हा ही तो पाया होगा ।

दर्द अपनी ही अना का भी सहा होगा बहुत,

फिर से जब दिल में नया बीज लगाया होगा ।



जब दिया आस का बुझने लगा होगा उसने,

फिर…

Continue

Added by Harash Mahajan on September 12, 2020 at 6:00pm — 12 Comments

जाने क्यूँ आज है औरत की ये औरत दुश्मन

2122 1122 1122 22(112)

जाने क्यूँ आज है औरत की ये औरत दुश्मन,

पास दौलत है तो उसकी है ये दौलत दुश्मन ।

दोस्त इस दौर के दुश्मन से भी बदतर क्यूँ हैं,

देख होती है मुहब्बत की हकीकत दुश्मन ।

माँग लो जितनी ख़ुदा से भी ये ख़ुशियाँ लेकिन,

हँसते-हँसते भी हो जाती है ये जन्नत दुश्मन ।

मैं बदल सकता था हाथों की लकीरों को मगर,

यूँ न होती वो अगर मेरी मसर्रत दुश्मन ।

ऐसे इंसानों की बस्ती से रहो दूर जहॉं,

'हर्ष' हो…

Continue

Added by Harash Mahajan on September 8, 2020 at 11:00pm — 11 Comments

Monthly Archives

2020

2018

2016

2015

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"अच्छी ग़ज़ल हुई है ऋचा जी। कुछ शेर चमकदार हैं, पर कुछ चमकने से रह गए। गिरह ठीक लगी है। /दुश्मन-ए-जाँ…"
9 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय गिरिराज भंडारी जी, बहुत सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई स्वीकार करें। सादर।"
15 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय गिरिराज भंडारी जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार।"
18 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय तिलकराज कपूर जी, आपकी टिप्पणी से कुछ बारीक बातें सीखने को मिली। आपकी सलाह के अनुसार ग़ज़ल…"
21 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय रिचा यादव जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें।"
31 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय निलेश जी, नमस्कार। आपकी ग़ज़ल पर मैं सदा तारीफ करता रहा हूँ आज भी आपकी ग़ज़ल बहुत शानदार…"
35 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय गिरीराज जी  बहुत बहुत धन्यवाद आपका  सादर "
45 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय तिलक जी  बहुत शुक्रिया आपका इतनी बारीकी से हर बात समझाने के लिए  सुझाव बहुत बेहतर…"
46 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय शिज्जु "शकूर" जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है। बधाई स्वीकार करें।"
1 hour ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें।"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय दया राम भाई , बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है , हार्दिक बधाईयाँ "
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय अजय भाई ,  अच्छी ग़ज़ल हुई है , आ. नीलेश भाई की सलाहें भी अच्छीं हैं , ध्यान …"
2 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service