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November 2010 Blog Posts (122)

भर जाएगा मेरा समंदर . . . .

हाँ तुमने ही तो किया था वादा,

मेरा समंदर भर दोगे।

जाने किस - किस से तुमने,

माँगा इसके लिए स्नेह।

पर अब भी रीता है,

मेरा समंदर, अधभरा . . .

उजली आँखों से निहारता,

टकटकी लगाए देखता।

शायद तुम अभी भी,

भरने को उत्साहित हो।

मांग लो किसी प्रेमी से,

थोड़ा और स्नेह।

न दे तो छीनो, मिटा दो,

प्रेम की बसती किसी की दुनिया।

उजाड़ दो किसी का घर,

और भर दो मेरा समंदर।

चाहे उसमें प्रेम की जगह,

किसी की खुशियों की दाह हो।

हाँ…

Continue

Added by Jaya Sharma on November 1, 2010 at 6:00am — 2 Comments

हूँ अभी गर्भ में ::: ©



► हूँ अभी गर्भ में ::: ©



हूँ अभी गर्भ में

ले रही आकर

हुआ ही है शुरू

स्पंदन ह्रदय का

कि जान लिया

कौन हूँ मैं

जताने लायक

हैं यंत्र नए

क्या करती



तैयार हूँ कट जाने को

आएगा जोड़ा यंत्रों का

होगी कोख कलंकित

कर रहे हैं पुर्जा-पुर्जा

अलग मुझे माँ से

न सोच न ही समझ है मुझे

करूँ क्रंदन कैसे

पर दर्द समझती हूँ

तडपा रहा कटना अंगों का

बिन… Continue

Added by Jogendra Singh जोगेन्द्र सिंह on November 1, 2010 at 1:00am — 2 Comments

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अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
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सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
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सदस्य टीम प्रबंधन
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