For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Rash Bihari Ravi's Blog – November 2010 Archive (5)

प्रधान मंत्री जी आपको सादर नमस्कार ,

प्रधान मंत्री जी आपको सादर नमस्कार,

क्यों कोई बोले आप काम करते हो बेकार,

डी राजा को आपने इतना दिन बचाया,

कलमाड़ी को आप पैसा खूब कमवाया,

आपकी कृपा से पृथ्वी राज के सपना साकार,

प्रधान मंत्री जी आपको सादर नमस्कार,

एन डी ए से ममता सरपट भागी थी,

आग बबूला हो गई थी बस एक ही घपला पे,

आज आपकी पल्लू पकड़ कर बैठी हैं,

सोचिए कितना अच्छा हैं आपका ब्यवहार,

प्रधान मंत्री जी आपको सादर नमस्कार,

अब तक जितने हुए घपले पूरे हिदुस्तान में,

सब से ज्यादा कहे… Continue

Added by Rash Bihari Ravi on November 22, 2010 at 11:00am — 3 Comments

माँ की भेट चढाने दो ,

मुझे सपनो में जीने दो ,

हकीकत में कुछ कर नहीं पाता ,

झूठ मूठ झुंझलाता हूँ ,

लड़ मरने की चाहत मन में हैं ,

डर के मगर भाग जाता हूँ ,

जो कर नहीं पाता जाग जाग ,

वो सोकर मैं कर जाता हूँ ,

मुझे सपनो में जीने दो ,

आज सपने में डी राजा को ,

बहुत बहुत समझाया ,

बोला अरे ओ अनाड़ी,

ये क्या कर डाला ,

अरबो की गई हिंद के प्यारे ,

तूने कितना बनाया ,

झट से बोला वो मुझसे ,

गुरु जीवन सफल बनाया ,

जो हैं बाते वो ,

अब खुल कर हो जाने… Continue

Added by Rash Bihari Ravi on November 20, 2010 at 1:30pm — 4 Comments

रिश्ते बनते हैं बदलते हैं ,

रिश्ते बनते हैं बदलते हैं ,
मगर जीवन चलता रहता हैं ,
कभी बेटा पैदा होने की ख़ुशी ,
तो कभी बाप का मरने का गम ,
कभी ख़ुशी के छलकते आँसू ,
तो कभी गम से होती आँखे नम ,
समय चक्र चलते रहते हैं ,
रिश्ते बनते हैं बदलते हैं ,

रिश्तों की मिठास ,
वो अपने बुआ के आते ही ,
उनकी गोद में चढ़ने के लिए ,
अक्सर मचलता था ,
लेकिन जब से बुआ करने लगी
पुश्तैनी जायदाद में
हिस्से की मांग ,
तब से ख़त्म होने लगी ,
रिश्तों की मिठास ,

Added by Rash Bihari Ravi on November 13, 2010 at 4:30pm — 2 Comments

उस बापू की जरुरत हैं ,

उस बापू की जरुरत हैं ,
आज हिंदुस्तान की चाह हैं ,
हमारी सोच को आंदोलित कर ,
नई राह दिखने के लिए ,
उस बापू की जरुरत हैं ,
उस बाबु की नहीं ,
जो स्वघोषित हो ,
उस बापू का भी नहीं ,
जो चमचो द्वारा बिकसित हो ,
जो मन पे राज करे ,
उस बाबु की जरुरत हैं ,

Added by Rash Bihari Ravi on November 6, 2010 at 6:30pm — No Comments

दस्तक

मेरे दरवाजे पे दस्तक हुई,

मैंने अन्दर से ही पूछा,

आप कौन हो,

उत्तर मिला,

सुख समृद्धि,

झट से दरवाजा खोला,

अन्दर आइये उनसे बोला,

उनका जबाब था,

मैं हमेशा से उनके साथ रहता हूँ,

जो प्यार से मिल कर रहते हैं,

जहा भी मेल मिलाप रहेगा,

वहाँ मैं दस्तक देता रहूँगा,



एक दिन घर में हो गया,

अपनों में झगड़ा,

बिना मतलब का,

बाते बढ़ी,

कोई भी किसी काम में,

विचार लेना देना छोड़ दिया,

घर को विपत्ति के रूप में,

कलह जकड़… Continue

Added by Rash Bihari Ravi on November 3, 2010 at 12:30pm — 3 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"शुक्रिया आदरणीय। कसावट हमेशा आवश्यक नहीं। अनावश्यक अथवा दोहराए गए शब्द या भाव या वाक्य या वाक्यांश…"
9 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी।"
9 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"परिवार के विघटन  उसके कारणों और परिणामों पर आपकी कलम अच्छी चली है आदरणीया रक्षित सिंह जी…"
15 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन।सुंदर और समसामयिक लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
15 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। प्रदत्त विषय को एक दिलचस्प आयाम देते हुए इस उम्दा कथानक और रचना हेतु हार्दिक बधाई आदरणीया…"
15 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदरणीय शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी टिप्पणी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। शीर्षक लिखना भूल गया जिसके लिए…"
16 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"समय _____ "बिना हाथ पाँव धोये अन्दर मत आना। पानी साबुन सब रखा है बाहर और फिर नहा…"
18 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हार्दिक स्वागत मुहतरम जनाब दयाराम मेठानी साहिब। विषयांतर्गत बढ़िया उम्दा और भावपूर्ण प्रेरक रचना।…"
22 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
" जय/पराजय कालेज के वार्षिकोत्सव के अवसर पर अनेक खेलकूद प्रतियोगिताओं एवं साहित्यिक…"
22 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हाइमन कमीशन (लघुकथा) : रात का समय था। हर रोज़ की तरह प्रतिज्ञा अपने कमरे की एक दीवार के…"
23 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। हार्दिक स्वागत आदरणीय विभारानी श्रीवास्तव जी। विषयांतर्गत बढ़िया समसामयिक रचना।"
23 hours ago
vibha rani shrivastava replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
""ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123विषय : जय/पराजय आषाढ़ का एक दिन “बुधौल लाने के…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service