For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव's Blog – November 2015 Archive (3)

हाँ, तुम बंट गए उस दिन कबीर

हाँ, तुम बंट गए उस दिन कबीर

 

अहो कबीर !

कही पढा था या सुना

तम्हारी मृत्यु पर

लडे थे हिन्दू और मुसलमान 

जिनको तुमने

जिन्दगी भर लगाई फटकार

वे तुम्हारी मृत्यु पर भी

नहीं आये बाज

और एक

तुम्हारी मृत देह को जलाने   

तथा दूसरा दफनाने  

की जिद करता रहा

और तुम

कफ़न के आवरण में बिद्ध

जार-जार रोते इस  मानव प्रवृत्ति पर 

अंततः हारकर मरने के बाद…

Continue

Added by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on November 28, 2015 at 6:00pm — 24 Comments

चिता कब बनोगी ?

 पौरुष ने उठाया हाथ

सहनशीलता  ने

कर तो लिया बर्दाश्त

पर चेहरा विकृत हुआ

अधर काँपे

आँखे पनिआयी 

झट वह चौके में चली गयी

बेटी दौड़ी-दौड़ी आयी

क्या हुआ माँ ?

कैसी आवाज आयी ?

और यह क्या तू रोती है ?

नहीं बेटी, ये लकड़ियाँ ज़रा गीली है

धुंआ बहुत देती है

आँख में गडता है, पानी निकलता है

बेटी ने कहा – ‘ माँ !

गीली लकड़ी का

तुमसे क्या सम्बन्ध है ?

माँ ने कहा ‘ हम दोनों

जलती…

Continue

Added by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on November 12, 2015 at 4:30pm — 11 Comments

आवेश

सहसा

छा जाता है आवेश

कुछ लगता है सनसनाने

मस्तिष्क में होने लगता है

घमासान 

हाथ हठात पहुँचते है

लेखनी पर

इतना भी नहीं होता

कि तलाश लें

कोई कायदे का कागज

नोच लेता है हाथ

किसी अखबार का टुकड़ा

या किसी रद्दी का खाली भाग 

और दौड़ने लगते है उस पर

अक्षर निर्बाध 

अवचेतन सा मन

मानो कोई उड़ेल देता है

उसमें भावों की सम्पदा  

जो स्वस्थ चित्त में

चाह कर भी नहीं उभरता…

Continue

Added by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on November 4, 2015 at 8:44pm — 5 Comments

Monthly Archives

2021

2020

2019

2018

2017

2016

2015

2014

2013

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

anwar suhail updated their profile
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
yesterday
ajay sharma shared a profile on Facebook
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Monday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service