2122 2122 2122 212
कर की चोरी देखिये जी धन की चोरी देखिये
लूटकर पकड़े गये तो जब्रजोरी देखिये
नोट्बंदी देखिये जी नोट खोरी देखिये
पूंजियों की सीरतें भी काली गोरी देखिये
नोट्बंदी का हथौड़ा ऐसा बैठा पीठ पर
भ्रष्टता की सरबसर टूटी तिजोरी देखिये
बह रहे हैं नोट सारे वो पुराने हर जगह
क्या समन्दर क्या नदी तालाब मोरी देखिये
लूटखोरी की बदौलत खत्म पैसे बैंक में
लाइनों की टूटती अब आस…
ContinueAdded by rajesh kumari on December 13, 2016 at 12:08pm — 19 Comments
2122 1212 22
जिन्दगी की नई कहानी क्या
हर कोई जानता बतानी क्या
मौत के सामने कोई बचपन
या बुढ़ापा भला जवानी क्या
होंसलों से उगा शज़र उसको
ख़ास आबो हवा या पानी क्या
तिश्नगी इक नदी बुझाती थी
आज सहरा में है निशानी क्या
कृष्ण देखा है आज क्या तुमने
कोई राधा हुई दीवानी क्या
फूल अगर हैं वतन के गुलशन के
फिर हरे और जाफ़रानी क्या
गर हो नाज़िम ही कान के…
ContinueAdded by rajesh kumari on December 5, 2016 at 6:30pm — 21 Comments
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