माँ की ममता कोई कल्पना नहीं,
ये सृष्टि संरचना की एक दास्तां
जो जन्म लेती अनंत गहराई में
पुष्पित,पल्लवित होती धरातल पर
एक कल्पतरु का सुंदर रूप लेकर
सदियों से चल रहा यह शिलशिला
ये हृदय से निकली प्यार ज्योति
सूर्य की रोशनी में हर दिन बढ़ती
बांधती सभी को एक प्रेम डोर में
अपने खुशियों की देती तिलांजली
नन्ही सी चिड़िया लड़ती साँप से
अपने प्राणों को संकट में डालकर
उसे बचाती मुसीबतों को झेलकर
उसके…
ContinueAdded by Ram Ashery on December 17, 2016 at 8:30pm — 5 Comments
बुद्धिजीवियों की एक ही हसरत
सुख समृद्धि को देश में है लाना ।
संभालकर रखना अपनी विरासत,
आपसी झगड़ों से सबको बचाना ।
इसके लिए खुद से करते कसरत
बिना किए कभी कोई भी बहाना ।
कोसों दूर रहती है इनसे मुसीबत
मिलती इन्हे खुशियों का खजाना ।
सभी लोग जानते इनकी हकीकत
आलसी सदा करते अनेकों बहाना ।
ऐसे लोगों की होती एक फितरत
दूसरों की कमी पर उंगली उठाना ।
समाज को दिखाते अपनी लियाकत,
समाज के सुधार से सदा मुंह…
ContinueAdded by Ram Ashery on December 10, 2016 at 9:30am — 4 Comments
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |