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Anita Maurya's Blog – December 2010 Archive (3)

प्रेम से : कुछ अलग ..कुछ जुदा, जीवन का सच ..

ये पेट की आग भी

क्या क्या न कराती है ...

 

चैन नहीं दिन में

रातें भी घबराती हैं ...

 

जीवन जीने की इच्छा

मन को ललचाती है ...

 

आगे बढ़ने की ख्वाइश

मेहनत खूब कराती है ...

 

न गर्मी से तपता है तन

न ठण्ड डरा पाती है .....

 

ये पेट की आग भी

क्या क्या न कराती है ...

मेहनत नहीं…
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Added by Anita Maurya on December 22, 2010 at 1:30pm — 7 Comments

"मैं"

"मैं"

इक भावुक, बहुत ही भावुक लड़की

किसी ने कहा

भावुकता निश्छलता का प्रतीक है

तो किसी ने कहा पवित्रता का ..

 

'ना' भावुकता न तो निश्छलता का प्रतीक है

और न ही पवित्रता का ..

ये तो प्रतीक है

हर पल छले जाने की तत्परता का ..

 

'हाँ'

छली जाती हूँ मैं , हर दम, हर कदम

कभी अपनों के हाथों, तो कभी गैरों के

कभी साहिलों से, तो कभी लहरों से,

 

कई बार…

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Added by Anita Maurya on December 16, 2010 at 7:30pm — 5 Comments

पल : जो तुम संग बिताये..

आँखों में तुम बसे हो ऐसे ..

कोई अधुरा ख्वाब हो जैसे !

वो तुम्हारा कुछ पलों का साथ

और उन पलों में तुम्हारा असीमित प्यार

तमाम उम्र के लिए अपनी पलकों में

कैद कर के रख लिया ...

वो हसीन से लम्हे

शरीर से लम्हे .

जिन लम्हों को तुम संग जिया

सम्हाल के उनको रख लिया ...

न जाने क्या बात हुई

खफा हो गए मुझसे तुम

यूँ मुंह फेरे बैठे हो

'जैसे'

मैं 'हूँ' , कोई बीता हुआ पल

कोई गुजरा…

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Added by Anita Maurya on December 11, 2010 at 4:25pm — 4 Comments

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