Added by Manan Kumar singh on December 27, 2015 at 10:00pm — 2 Comments
Added by Manan Kumar singh on December 24, 2015 at 11:30am — 6 Comments
Added by Manan Kumar singh on December 21, 2015 at 10:24am — 4 Comments
Added by Manan Kumar singh on December 15, 2015 at 8:38am — 6 Comments
Added by Manan Kumar singh on December 6, 2015 at 9:02pm — 1 Comment
Added by Manan Kumar singh on December 5, 2015 at 9:07am — 10 Comments
2122 2122 2222
वक्त बनके आ गये हो टल जाओगे
गर्दिशें कर तो अभी ही ढल जाओगे।
बुझ रहे दीये अभी रोशन जो रफ्ता
रोशनी बख्शो नजर में पल जाओगे।
हम बिठा लेते नयन में भूलें सब कुछ
कर भला वरना नजर से चल जाओगे।
आग उर में ले चले तो रौशन कर मग
बेवजह बाँटो तपिश मत जल जाओगे।
छल गये हो बार कितनी पूछो खुद से
सच न हो एक बार फिर अब छल जाओगे।
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मौलिक व अप्रकाशित@
Added by Manan Kumar singh on December 1, 2015 at 10:00am — 2 Comments
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