"अन्तिम विदा" की शाम के बाद
कुछ पलों के लिए ही सही
एक बार पुन: तुम्हारा लोट आना
आँचभरी वेदना को छुपाती मेरी आँखों में देखना
मानवीय उलझनें, प्यार की तलाश
और अब अश्चर्य और उत्साह का सुप्रसार…
ContinueAdded by vijay nikore on December 27, 2021 at 4:00pm — 3 Comments
निर्णय तुम्हारा निर्मल
तुम जाना ...भले जाना
पर जब भी जाना
अकस्मात
पहेली बन कर न जाना
कुछ कहकर
बता कर जाना
जानती हो न, चला जाता…
ContinueAdded by vijay nikore on December 7, 2021 at 12:00pm — 3 Comments
तेरे स्नेह के आंचल की छाँह तले
पल रहा अविरल कैसा ख़याल है यह
कि रिश्ते की हर मुस्कान को
या ज़िन्दगी की शराफ़त को
प्यार के अलफ़ाज़ से
क़लम में पिरो लिया है,
और फिर सी दिया है... कि
भूले से भी कहीं-कभी
इस रिश्ते की पावन
मासूम बखिया न उधड़े
और फिर कस दिया है उसे
कि उसमें कभी भी अचानक
वक़्त का कोई
झोल न पड़ जाए।
सुखी रहो, सुखी रहो, सुखी रहो
हर साँस हर धड़कन दुहराए
स्नेह का यही एक ही…
ContinueAdded by vijay nikore on December 5, 2021 at 5:06pm — 18 Comments
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