कभी दिलबर बताते हो, कभी रहबर बताते हो
ये मर्ज़ी है बस तेरी, जो मर्ज़ी बताते हो
कभी सुनते हमारी बात, कबसे जो दबी दिल में
हमें अपना बताकर तुम, बड़ा दिल को जलाते हो
जीवन है सफर लंबा, मगर जो तुम हो तो कट जाए
राह है जो सदियों की, वो पल भर में सिमट जाए
बिना तेरे ना चल पाएं, कदम दो चार भी हम तो
थाम कर हम तेरा दामन, चलो उस पार हो…
ContinueAdded by AMAN SINHA on July 29, 2023 at 10:20pm — No Comments
ढूँढता हूँ कब से मुझमे मुझसा कुछ तो हो
सोच हो, आवाज़ हो, अंदाज़ हो, ना कुछ सही सबर तो हो
क्यूँ करूँ परवाह खुद की संग क्या ले जाना है
बिन बुलाये आए थे हम बिन बताए जाना है
क्यूँ बनाऊ मैं बसेरा डालना कहाँ है डेरा
जिस तरफ मैं चल पड़ा हूँ उस गली है बस अंधेरा
क्या करूँ तालिम का मैं बोझ सा है पड गया
है सलिका खूब इसमे, पर, सर पर मेरे चढ़…
ContinueAdded by AMAN SINHA on July 23, 2023 at 7:55am — 2 Comments
एक चेहरा जो याद नहीं, एक चेहरा जो मैं भूल गया
तस्वीर भला मैं क्या खिंचू, तस्वीर बनाना भूल गया
एक लम्हा जो ना लौटा फिर, वो एक लम्हा जो मैं भूल गया
यादें अब समेटूँ कैसे मैं, जो यादें बनाना भूल गया
एक गली जो कभी फिर मिली नहीं, वही गली जो मैं भूल…
ContinueAdded by AMAN SINHA on July 16, 2023 at 12:16am — 3 Comments
मैं चाँद तू चकोरा मेरे बिन तू अधूरा
जो तू मिल जाए मुझसे मैं हो जाऊँ पूरा
तेरे बिन जीने में है क्या बात मितवा
बस तुझको दिल मेरा दे आवाज़ मितवा
तू भी भागे मेरी ओर मैं भी भागूं तेरी ओर
बांधे तुझको मुझको है कोई अनदेखी सी…
ContinueAdded by AMAN SINHA on July 8, 2023 at 5:59am — No Comments
मन के जीते जीत है मन के हारे हार
मन चाहे तो मिल जाए आँगन में हरिद्वार
क्यों चले बाज़ार में करने को चित्कार
मन की बात जो मान गए हो जाए सब उपचार
बस मन हिन मानिए पट दिखलाए सटीक
वापस लौट के आ जाए पथ से भटका…
ContinueAdded by AMAN SINHA on July 2, 2023 at 8:16am — No Comments
तेरे रूठने का सिलसिला कुछ ज्यादा हीं बढ़ गया है
लगता है मुझे दिल का किराया बढ़ाना होगा
बहुत जिये तेरी उम्मीद के साये में अब तक
अब खुदका एक तय आशियाँ बनाना होगा
सब जानते है पता जिसने ताजमहल बनवाया था
मगर उन गुमशुदा…
ContinueAdded by AMAN SINHA on June 24, 2023 at 11:24pm — 1 Comment
मोहब्बत है या नफरत है सभी कुछ जनता हूँ मैं
इन लहजों को अदाओं को बहुत पहचानता हूँ मैं
तेरे आने से फैली है जो खुशबू इन हवाओं में
इस खुशबू से उस आहट तक तुझे पहचानता हूँ मैं
कभी कुछ सोचना चाहा ख़यालों में तुम्ही ही आए …
ContinueAdded by AMAN SINHA on June 16, 2023 at 8:39pm — 1 Comment
दबा कर आँखों में आँसू यूं मुस्कुरा जाते हो तुम
देकर खुशियाँ अपने हिस्से की हमें ग़म भुला जाते हो तुम
कैसे अपने एहसासों को ज़ुबां पर आने नहीं देते
दिल के बवंडर को क्यों बह जाने तुम नहीं देते
कैसे हर बार तुम हीं अपने अरमानो को दबाते हो …
ContinueAdded by AMAN SINHA on June 10, 2023 at 6:47am — No Comments
कैसी ये पुकार है? कैसा ये अंधकार है
मन के भाव से दबा हुआ क्यों कर रहा गुहार है?
क्यों है तू फंसा हुआ, बंधनों में बंधा हुआ
अपनी भावनाओं के रस्सी में कसा हुआ
त्याग चिंताओं को अब चिंतन की राह धरो
स्वयं पर विश्वास कर दृढ़ हो…
ContinueAdded by AMAN SINHA on June 3, 2023 at 7:26pm — No Comments
एक जीवन मे नारी का तीन जन्म होता है
लेकिन हर जनम मे उसका कर्म अलग होता है
पहला रूप है पुत्री का, पिता के घर वो आती है
संग में अपने मात-पिता का स्वाभिमान भी लाती है
यहाँ कर्म हैं मात-पिता की सेवा निशदिन करते रहना …
ContinueAdded by AMAN SINHA on May 21, 2023 at 6:00am — No Comments
Added by AMAN SINHA on May 14, 2023 at 8:30am — 1 Comment
मेरी खूबसूरती श्राप है
मेरे पूर्व जन्म का पाप है
जितनों को मैंने छला होगा
ये उन सबका अभिशाप है
घर से निकल ना पाऊँ मैं
रास्ते पर चल ना पाऊँ मैं
कपड़े गहनों की बात हीं…
ContinueAdded by AMAN SINHA on May 7, 2023 at 6:39am — 1 Comment
मैं जिया हूँ दो दफा और दो दफा हीं मैं मरा हूँ
पर अधूरी ख्वाहिशो संग हर दफा हीं मैं रहा हूँ
चाह मेरी जो भी थी वो मेरे पास थी सदा
पर मेरे पहुँच से देखो दूर थी वो सर्वदा
राह जो चुनी थी मैंने पूरी तरह सपाट थी
पर मेरे लिए हमेशा बंद उसकी कपाट थी
मैंने जो गढ़ी इमारत दीवार जो बनाई थी
उसकी नींव में हमेशा हो रही खुदाई थी
मैं चला था साथ जिसके मंज़िलों के प्यास में
वो रहा था पास मेरे किसी दूसरे के आस में
साथ…
ContinueAdded by AMAN SINHA on May 1, 2023 at 5:30am — 2 Comments
चार रुपये लिए थे, मेरे दादा ने कर्ज़ में
कल तक बाबा चुका रहे थे, ब्याज उसका फर्ज़ में
रकम बढ़ी फिर किश्त की, हर साल के अंत में
मूलधन खड़ा है अब भी, ब्याज दर के द्वंद में
चार बीघा ज़मीन थी, अपना खेत खलिहान था
हँसता खेलता घर हमारा, स्वर्ग के समान था
बाढ़ आयी सब तबाह हुआ, बाबा की हिम्मत टूट गयी
कल तक जो खिली हुई थी, किस्मत जैसे…
ContinueAdded by AMAN SINHA on April 23, 2023 at 8:32am — 2 Comments
जिस दौर से हम-तुम गुजरे है,
वो दौर ज़माना क्या जाने?
हम दोनों हीं बस किरदार यहाँ के,
कोई अपना अफसाना क्या जाने
रंगमंच के पर्दे के पीछे
चरित्र सभी गढ़े जाते है
जो कहते है जो करते है
वो बोल सभी लिखे जाते है
हम दोनों अपने किरदार में थे
अपनी बेचैनी कोई क्या जाने?
जिस दौर से हम तुम गुजरे है,
वो दौर जमाना क्या जाने?
है एक लम्हे का साथ सही,
पर साथ पुराना लगता है
तुम कंधे…
ContinueAdded by AMAN SINHA on March 23, 2023 at 10:03am — No Comments
Added by AMAN SINHA on March 14, 2023 at 10:12am — 1 Comment
Added by AMAN SINHA on February 27, 2023 at 12:52pm — 4 Comments
Added by AMAN SINHA on February 25, 2023 at 12:31pm — No Comments
वही दिन है वही रातें जैसे वर्षों पहले थे
पर अब जैसे तुम मिले हो पहले तो ऐसे ना थे
अब भी पुरानी तसवीरों में ऐसी है मुस्कान तेरी
जैसे कोई बांध के रख दे नज़रों से जुबान मेरी
सन्दुक में रखे कपड़े तेरे नए आज भी लगते हैं
तेरी यादों की खुशबू से महके-महके से रहते हैं
हंसी पुरानी गयी कहाँ अब तेरे कपड़े तो ऐसे ना थे
पर अब जैसे तुम मिले…
ContinueAdded by AMAN SINHA on February 22, 2023 at 10:00am — No Comments
करूंगा याद तुम्हें इतना, मुझे भुला ना पाओगे
जपूँगा नाम मैं इतना, कि पानी पी ना पाओगे
हरेक आहट पर ये सोचोगे, मेरी आहट कहीं ना हो
दिखूँगा ख्वाब में इतना, कभी तुम सो ना पाओगे
रहूँगा पास मैं इतना, जुदा तुम हो ना पाओगे
रहूँगा सांस में ऐसे, अकेले रह ना पाओगे
कभी जो छोड़ना चाहो, मुझे तन्हा अंधेरे में
है मेरा वायदा तुमसे, अकेले चल ना…
ContinueAdded by AMAN SINHA on February 11, 2023 at 7:17am — No Comments
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