यह तो सही है कि भारत में न पहले प्रतिभाओं की कमी रही और न ही अब है। पुरातन समय से ही यहां की शिक्षा व्यवस्था की अपनी एक साख रही है। कहा भी जाता है, जब शून्य की खोज नहीं हुई रहती तो फिर हम आज जो वैज्ञानिक युग का आगाज देख रहे हैं, वह कहीं नजर नहीं आता। भारत में विदेशों से भी प्रतिभाएं अध्ययन के लिए आया करते थे, मगर आज हालात बदले हुए हैं। स्थिति उलट हो गई है। भारत से प्रतिभाएं पलायन कर रही हैं, उन्हें नस्लभेद का जख्म भी मिल रहा है, लेकिन यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां कहना है कि…
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Added by rajkumar sahu on September 2, 2011 at 1:41am —
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‘उपाधि’ देने की परिपाटी बरसों से है। बदलते समय के साथ यह परिपाटी अब पूरे रंग में है। पहले आप कुछ नहीं होते हैं। उपाधि मिलते ही आप रातों-रात उपलब्धि की सभी उंचाई पार लगा लेते हैं। हर तरफ बस वाहवाही रहती है। जब हर कहीं सम्मान मिले और नाम के आगे चार चांद लग जाए। ऐसी स्थिति में कौन नहीं चाहेगा, किसी उपाधि से सुशोभित होना। उपाधि पाने का कीड़ा जब काटता है, उसके बाद उपाधि छिनने की करामात भी करनी पड़ती है। माथे पर उपाधि की मुहर लगते ही एक अलग पहचान बनती है। आने वाली पीढ़ी भी उपाधि के सहारे ही जानती हैं कि…
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Added by rajkumar sahu on September 1, 2011 at 1:32am —
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1. समारू - बस्तर दशहरे पर 25 लाख का कर्ज की खबर है।
पहारू - छत्तीसगढ़ में होने वाले अधिकांश महोत्सव का यही हाल है।
2. समारू - छग में भाजपा सरकार विधानसभा में घिर रही है।
पहारू - सुस्त विपक्ष को बैठे-ठाले मुद्दे जो मिल जाते हैं।
3. समारू - राजीव गांधी की हत्या की सजा प्राप्त तीन व्यक्तियों की पैरवी राम जेठमलानी कर रहे हैं।
पहारू - ऐसी रिस्क वे लेते रहते हैं, भले ही भाजपा से फटकार ही मिलें।
4. समारू - शांति भूषण मामले की सीडी में…
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Added by rajkumar sahu on August 31, 2011 at 3:39pm —
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हमारा देश अनंत विविधताओं से ओत-प्रोत है। 33 करोड़ देवी-देवताओं से हममें से हर कोई कुछ न कुछ मांगते रहता है। भगवान भी देर से ही सही, अपनी आराधना करने वालों की सुध लेते ही हैं। तभी तो मंदिरोें में मत्था टेकने वालों में भगदड़ मचती रहती है। भगवान हममें से कइयों को छप्पर फाड़कर देता है, ये अलग बात है कि कुछ को छप्पर भी नसीब नहीं होता। कोई दो वक्त की रोटी को ईश्वर की असीम देन कहता है तो एक दूसरा, उसकी अहमियत को नहीं समझता, फिर भी भगवान उस पर मेहरबान हुए रहते हैं।
हम भगवान से मांगते रहते हैं,…
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Added by rajkumar sahu on August 31, 2011 at 1:22am —
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भ्रष्टाचार के भस्मासुर को भस्म करने के लिए समाजसेवी अन्ना हजारे के आंदोलन के बाद ऐसा लगता है, जैसे भ्रष्टाचार के खिलाफ देश में भूचाल आ गया है और करोड़ों लोग सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। अन्ना के आंदोलन के बाद केन्द्र की यूपीए सरकार भी बैकफुट पर है। इसके लिए सरकार की नीति-नियंता बने कुछ मंत्री जिम्मेदार माने जा सकते हैं, क्योंकि उनके गलत निर्णय के बाद ही अन्ना हजारे को देश भर में और ज्यादा समर्थन मिलने लगा। अहिंसक आंदोलन को कुचलने के लिए सरकार ने जिन नीतियों पर काम किया और अनशन के लिए जाते…
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Added by rajkumar sahu on August 21, 2011 at 12:40am —
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भ्रष्टाचार का जिन्न एक बार फिर बाहर आ गया है और इस बार वह सब पर भारी नजर आ रहा है। सत्ता के रसूख का दंभ भरने वाली सरकार भी डरी-सहमी हैं। आधुनिक भारत के ‘गांधी’ के नए अवतरण के बाद ‘भ्रष्टाचार का भूत’ को देश से भगाने के लिए ‘अनशन यज्ञ’ का सहारा लिया जा रहा है। कहा जा रहा है कि यह नए भारत की ‘अगस्त क्रांति’ है। हालात ऐसे बन गए हैं, जो भी भ्रष्टाचार की खिलाफत में मुंह मोड़ेगा, वह क्रांति की चपेट में आ जाएगा और देश में इस क्रांति से हजारों-हजार बावले नजर आ रहे हैं, ‘हजारे’ के साथ। भले ही कई बरसों…
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Added by rajkumar sahu on August 18, 2011 at 1:15am —
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देश में ऐसे अनेक ज्योतिर्लिंग है, जहां दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। भक्तों में असीम श्रद्धा भी देखी जाती है। सावन के महीने में शिव मंदिरों की महिमा और ज्यादा बढ़ जाती है, क्योंकि इस माह जो भी मन्नतें सच्चे मन से मांगी जाती है, ऐसी मान्यता है, वह पूरी होती हैं। लोगों में भगवान के प्रति अगाध आस्था ही है, जहां हजारों-लाखों की भीड़ खींची चली आती है।
ऐसा ही एक स्थान है, तुर्रीधाम। छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के सक्ती क्षेत्र अंतर्गत ग्राम तुर्री स्थित है। यहां भगवान शिव का एक ऐसा…
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Added by rajkumar sahu on August 10, 2011 at 10:25pm —
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यह बात अधिकतर कही जाती है कि एक सच्चा दोस्त, सैकड़ों-हजारों राह चलते दोस्तों के बराबर होता है। यह उक्ति, न जाने कितने बरसों से हम सब के दिलो-दिमाग में छाई हुई है। दोस्ती की मिसाल के कई किस्से वैसे प्रचलित हैं, चाहे वह फिल्म ‘शोले’ के जय-वीरू हों या फिर धरम-वीर। साथ ही भगवान कृष्ण-सुदामा की दोस्ती की प्रगाढ़ता जग जाहिर है। ऐसी दोस्ती की कहानियां धर्म ग्रंथों में कई मिल जाएंगी। यह भी कहा जाता है कि कलयुग में जितना हो जाए, बहुत कम है। कुछ भी हो जाए तो बस ‘कलयुगी’ उदाहरण दिया जाता है। कलयुग में बहुत…
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Added by rajkumar sahu on August 4, 2011 at 11:17am —
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अक्सर कहा जाता है कि नाम बड़ा होता है या काम और अंततः कर्म की प्रधानता को तवज्जो दी जाती है। ऐसी ही एक महिला है, जिसने नाम के विपरित बड़ा काम किया है, वो भी हिम्मत व दिलेरी का। जिस काम को कोई मर्दाना भी करने के पहले हाथ-पांव फुला ले, वहीं यह नारी शक्ति की मिसाल महिला करती हैं, लाशों का पोस्टमार्टम। ऐसा भी माना जा रहा है कि संभवतः यह छत्तीसगढ़ की पहली महिला होगी, जिसने ऐसे हिम्मत के काम को चुना और एक नई मिसाल भी कायम की है। जी हां, छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के मालखरौदा में ‘फूलबाई’ नाम की एक…
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Added by rajkumar sahu on July 30, 2011 at 11:23pm —
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1. समारू - कामनवेल्थ गुरू सुरेश कलमाड़ी, जांच एजेंसी के सामने मुंह नहीं खोल रहे हैं।
पहारू - मगर, ए. राजा तो जुबान खोलकर सरकार का सिरदर्द बन गया है।
2. समारू - बिलासपुर में आईटीआई का पर्चा लीक होने की खबर है।
पहारू - छग के लिए पर्चा लीक होना कौन सी बड़ी बात है।
3. समारू - ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने सूत की माला से जूता साफ किया।
पहारू - नेता तो जनता को बरसों से जूते के ‘तलवे’ नीचे रखते आ रहे हैं।
4. समारू - छग सरकार ने अब शहरों…
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Added by rajkumar sahu on July 27, 2011 at 9:00pm —
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छत्तीसगढ़ की काशी के नाम से विख्यात लक्ष्मणेश्वर की नगरी खरौद में सावन सोमवार पर श्रद्धालुओं का तांता लगता है। भगवान लक्ष्मणेश्वर के दर्शन के लिए प्रदेश से अनेक जिलों के अलावा दूसरे राज्यों से भी दर्शनार्थी भगवान शिव के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। यहां सावन सोमवार के दिन सुबह से श्रद्धालुओं की लगी कतारें, देर रात तक लगी रहती हैं और भक्तों के हजारों की संख्या में उमड़ने के कारण मेला का स्वरूप निर्मित हो जाता है। भगवान लक्ष्मणेश्वर स्थित ‘लक्षलिंग’ में एक चावल चढ़ाया जाता है और श्रद्धालुओं में असीम…
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Added by rajkumar sahu on July 27, 2011 at 5:12pm —
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जैसा नाम ही है, धर्मशाला। देखिए, इस लिहाज से मानव धर्म का कुछ तो काम होगा ही। अब यहां राजनीतिक गोटी बिछने वाली धर्मशाला की बात कर लें, क्योंकि इन दिनों देश में धर्मशाला की नई वेरायटी पर बहस शुरू हो गई है और ‘राजनीतिक धर्मशाला’ की खासियत मुझे पता नहीं है, क्योंकि कभी मेरा पाला नहीं पड़ा है। वैसे भी इस धर्मशाला में हर समय जिस तरह से हुज्जतबाजी मची रहती है, उसके बाद मेरा मन नहीं कहता कि चले जाओ और अपने को कोसने के काबिल बनाओ।
पिछले दिनों जिन्न की बोतल से ‘राजनीतिक धर्मशाला’ सामने आई। एक…
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Added by rajkumar sahu on July 27, 2011 at 12:05pm —
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1. समारू - छग के जगदलपुर में एसीबी के शिकंजे में आए करोड़पति अफसर।
पहारू - देखते रहो, कुछ और धनपशु का अवतार आने वाले दिनों में होगा।
2. समारू - वारदात को अंजाम देने के बाद नक्सली पश्चाताप कर रहे हैं।
पहारू - उनकी घर वापसी ही पश्चाताप हो सकता है।
3. समारू - वोट के बदले नोट मामले में परत-दर-परत खुलासा हो रहा है
पहारू - अभी तो सूत्रधार का सींखचों के पीछे आना बाकी है।
4. समारू - छग के एसपीओ बेरोजगार नहीं होंगे।
पहारू - ऐसा होता…
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Added by rajkumar sahu on July 21, 2011 at 10:35pm —
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छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है और व्यापक धान पैदावार के लिए अभी हाल ही में प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने ‘छग सरकार’ को सम्मानित किया है। निश्चित ही यह कृषि क्षेत्र में देश में एक अलग पहचान बनाने वाले राज्य के लिए गौरव की बात है, मगर प्रदेश के कई जिलों में जिस तरह कृषि रकबा को तहस-नहस कर औद्योगीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है, वह कृषि प्रधान प्रदेश के किसानों के बेहतर भविष्य निर्माण करने वाला साबित नहीं हो सकता ? यही कारण है कि अधिकांश इलाकों में औद्योगीकरण के खिलाफ किसान मुखर हो गए हैं और…
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Added by rajkumar sahu on July 21, 2011 at 4:57pm —
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बड़ों के आशीर्वाद की अहमियत जमाने से है और जमाने तक रहेगा, क्योंकि बड़ों की कृपा बिना संभव ही नहीं कि आप फर्श से अर्श तक पहुंच पाएं। अधिकतर यह सुनने को मिलते रहता है कि फलां के आशीर्वाद से ही गगनचुंबी सफलता मिली और एक नई इबारत लिखने का अवसर मिला। मैं भी समझता हूं कि आशीर्वाद की भूमिका हर जगह है। इतना मान लीजिए कि आशीर्वाद है, तो आप हैं। इसके इतर बात करें तो एक आशीर्वाद का दस्तूर भी बरसों से चली आ रही है, वह है कृपापात्र आशीर्वाद। इसके बगैर तो आप एक इंच भी आगे नहीं बढ़ सकते, सफलता की बात सोचने के…
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Added by rajkumar sahu on July 20, 2011 at 9:23pm —
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देखो भाई, यदि आपने भ्रष्टाचार नहीं किया हो तो लगे हाथ यह सौभाग्य पा लो और बहती गंगा में हाथ धो लो। फिर कहीं समय निकल गया तो फिर लौटकर नहीं आने वाला है। भ्रष्टाचार की अभी खुली छूट है, जब जैसा चाहो, कर सकते हो। बाद में न जाने मौका मिलेगा कि नहीं, कहीं पछताने की नौबत न आए। फाइलों की सुरंग से बारी-बारी एक-एक भ्रष्टाचार का दानव बाहर निकलकर आ रहा है, ये इतने शक्तिशाली हैं कि इन पर हाथ डालने कतराना पड़ता है और जब दबाव में उसकी कमीज से मक्खी उड़ा भी लिए और वह जेल की चारदीवारी में पहुंच गया तो वहां भी मौज…
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Added by rajkumar sahu on July 18, 2011 at 11:17pm —
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1. समारू - छग के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह के नेतृत्व में 12 हजार से अधिक पौधे रोपे गए।
पहारू - अगले बरस तक 12 पौधे नहीं बचेंगे, बस ठंूठ के दर्शन होंगे।
2. समारू - यूपीए के खिलाफ भाजपा का अभियान शुरू होने वाला है।
पहारू - इधर छग कांग्रेस, भाजपा का ‘भ्रष्टाचार पुराण’ बनाने में लगी है।
3. समारू - केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. चरणदास महंत 18 जुलाई को रायपुर आएंगे।
पहारू - अब देखना होगा, कितने गुट नदारद रहते हैं, यही तो छग में कांग्रेस की दस्तूर रह गई…
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Added by rajkumar sahu on July 18, 2011 at 6:52pm —
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1. समारू - प्री-पीएमटी की तीसरी बार आयोजित परीक्षा में एक ही प्रश्न दो बार पूछे गए।
पहारू - व्यापमं कुछ भी कारनामा कर ले, बहुत कम है।
2. समारू - अलग बस्तर राज्य मांग का समर्थन करने की आग ठंडी पड़ गई है।
पहारू - बयान देने वाला छग कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष भी तो ठंडा पड़ गया है।
3. समारू - उज्जैन में दिग्विजय सिंह को भाजपाईयों ने दिखाया काला झंडा।
पहारू - बन गया, किसी ने जूता नहीं फेंका, आजकल यही चलन तो चल पड़ा है।
4. समारू - अन्ना हजारे ने कहा - आंदोलन…
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Added by rajkumar sahu on July 17, 2011 at 8:48pm —
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1. समारू - चावल उत्पादन के लिए छग सरकार को पुरस्कार मिला है।
पहारू - छत्तीसगढ़ का कटोरा, अब छग का परात बन गया है।
2. समारू - कल यानी 17 जुलाई को छग में प्री-पीएमटी की तीसरी बार परीक्षा होगी।
पहारू - यहां चौथी बार की नौबत आ जाए तो बड़ी बात नहीं होगी।
3. समारू - राहुल के मुंबई हादसे पर दिए बयान पर भाजपा ने पहाड़ सिर पर उठा लिया।
पहारू - क्या, एनडीए की सरकार के समय भारत अपराध मुक्त देश बन गया था ?
4. समारू - उत्तरप्रदेश की मुख्य सचिव…
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Added by rajkumar sahu on July 16, 2011 at 10:17pm —
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छत्तीसगढ़ में पर्चा लीक होने के कारण पिछले महीने दूसरी बार आयोजित की गई प्री-पीएमटी परीक्षा के फर्जीवाड़े की जांच में खुलासे पर खुलासे होते जा रहे हैं। राज्य सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए फर्जीवाड़े की जांच के लिए सीआईडी को जिम्मेदारी दी है और करीब एक माह से जारी जांच में अब तक कई अहम राज सामने आए हैं। जांच में जो खुलासा जांच में हुआ है, उससे किसी की भी नींद उड़ना स्वाभाविक लगता है। दरअसल, पीएमटी फर्जीवाड़े के मामले की जांच कर रही सीआईडी को व्यावसायिक परीक्षा मंडल ( व्यापमं ) द्वारा पिछले…
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Added by rajkumar sahu on July 14, 2011 at 1:29am —
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