ओ बी ओ मंच को 12वीं सालगिरह पर समर्पित ग़ज़ल (1222*4)
किये हैं पूर्ण बारह वर्ष ओ बी ओ बधाई है,
हमारे दिल में चाहत बस तेरी ही रहती छाई है।
मिला इक मंच तुझ जैसा हमें अभिमान है इसका,
हमारी इस जहाँ में ओ बी ओ से ही बड़ाई है।
सभी इक दूसरे से सीखते हैं और सिखाते हैं,
हमारी एकता की ओ बी ओ ही बस इकाई है।
लगा जो मर्ज लिखने का, दिखाते ओ बी ओ को ही,
उसी के पास इसकी क्यों कि इकलौती दवाई है।
तुझे शत शत 'नमन' मेरा बधाई फिर से ओ बी ओ,
यहीं मेरी पढ़ाई है यहीं मेरी लिखाई है।
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
Comment
वाह वाह सर बहुत ही सटीक और सुन्दर कहा है आपने। बधाइयां
बढ़िया बहुत बढ़िया कहा आदरणीय... बधाई
आदरणीय वासुदेव अग्रवाल नमन जी, ओबीओ की वर्षगांठ सह इस सार्थक प्रस्तुति पर बहुत बहुत बधाई। सादर।
आ. भाई बासुदेव जी, सादर अभिवादन व ओबीओ की वर्षगाँठ पर हार्दिक बधाई। इस अवसर पर सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।
आदरणीय समर कबीर जी ओ बी ओ के 12 वर्ष पूर्ण करने की बधाई के साथ आपका बहुत बहुत आभार।
आदरणीय सौरभ पांडे जी ओ बी ओ के 12 वर्ष पूर्ण करने की बधाई के साथ आपका आत्मिक आभार।
आदरणीय वासुदेव अग्रवाल नमन जी, आपको इस अभिनव मंच, ओबीओ, के बारहवें वर्ष में पदार्पण की अशेष बधाइयाँ. आपने इस मंच की विशिष्टता को सार्थक शब्द दिये हैं. बहुत खूब !
विश्वास है, आदरणीय, आप सपरिनार स्वस्थ एवं सानन्द होंगे. आपकी सक्रियता सतत बनी रहे. .. शुभातिशुभ ..
जनाब बासुदेव अग्रवाल 'नमन' जी आदाब, बहुत समय बाद आपको ओबीओ पर देख कर प्रसन्नता हुई I
ओबीओ की बारहवीं सालगिरह के मौक़े पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है', बधाई स्वीकार करें I
'हमारे दिल में चाहत बस तेरी ही रहती छाई है'
इस मिसरे का वाक्य विन्यास ठीक नहीं है ,सहीह वाक्य है 'छाई रहती है'--देखिएगा I
'लगा जो मर्ज लिखने का, दिखाते ओ बी ओ को ही'
इस मिसरे में 'मर्ज' ग़लत शब्द है, सहीह शब्द "मरज़" 12 है , इसकी जगह 'रोग' कर सकते हैं I
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online