For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आओ उस जिंदगी के लिए दुआ करें।।।

हाइकु ..सन्दर्भ ,' मलाला '

* * * * * * * * * * * * * * * 

रखे सहेज 
स्त्री शिक्षा अभियान 
रौशनी तेज। 
--------
हटायें पर्दा 
रौशनी स्कूलों वाली 
घूँघट-पर्दा।।
--------
मंत्रोच्चार हो 
पढ़ी-लिखी नार हो 
अधिकार हो।
----------
बड़ी लड़ाई 
एक छोटी लड़की 
रौशनी लाई .
------
निज दम पे 
हे! मानिनी मलाला 
गर्व तुम पे .
----
चौदह साल 
पाठ  एक मलाला 
नहीं मलाल 
------
है पाठशाला 
जोश   साहस ,ज्वाला 
नाम मलाला 
--------
औरत पढ़े 
वो इतिहास गढ़े 
पर्वत चढ़े।
------
बताओ  पाप?
तालिबान ओ खाप !!!
क्या हम-आप???
------
खुदा-ईश्वर 
जिंदगी ए  मलाला 
तेरी नज़र।।।

---------------------------------

अविनाश बागडे ...

Views: 1560

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Vinita Shukla on October 17, 2012 at 2:29pm

मलाला के सत्साहस का समर्थन, आपने हाइकू के माध्यम से; बहुत सुंदर एवं सशक्त तरीके से किया है. बधाई स्वीकारें.

Comment by Rekha Joshi on October 17, 2012 at 10:10am

खुदा-ईश्वर 

जिंदगी ए  मलाला 
तेरी नज़र।।,सुंदर हाइकु साहसी लड़की मलाला पर ,हार्दिक बधाई आ अविनाश जी 
Comment by Ashok Kumar Raktale on October 17, 2012 at 9:26am
बड़ी लड़ाई 
एक छोटी लड़की 
रौशनी लाई .
 बहुत बढ़िया हाइकू आदरणीय अविनाश जी बधाई स्वीकारें.
Comment by Er. Ambarish Srivastava on October 16, 2012 at 11:20pm

आदरणीय अविनाश जी, निर्भीक बेटी मलाला की शान में कहे गये सभी हाइकू शानदार हैं | बहुत-बहुत बधाई मित्र !

फैले उजाला

मुसकाए मलाला 

शीघ्रतिशीघ्र

Comment by लतीफ़ ख़ान on October 16, 2012 at 11:16pm

Samyik paridrishya par aap ki paini nazar ko salam.....Badhai sweekar karen............

Nanhi si Malala.........Talibaniyon ke liye hai ..........Shaitan ki khala........


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 16, 2012 at 8:54pm

बहुत बढ़िया सार्थक  हाइकु रचे अविनाश बागडे जी आपकी दुआ उस तक जरूर पंहुचेगी 

Comment by AVINASH S BAGDE on October 16, 2012 at 7:11pm

Laxman Prasad ji....bhagwan kare MALALA hi durga ka awatar siddh ho aur

taliban/khap vicharo ko aag lagaye..

Comment by AVINASH S BAGDE on October 16, 2012 at 7:08pm

आभार डॉ प्राची।।आप को हाइकू और और उससे भी ज्यादा   उद्देश्य को    उससे आप  judi...


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on October 16, 2012 at 5:43pm

बहुत सुन्दर हाइकू आ. अविनाश जी, हार्दिक बधाई 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on October 16, 2012 at 5:43pm
खुदा-ईश्वर 
जिंदगी ए  मलाला 
तेरी नज़र।।।------आदमी साहसी मलाला के लिए मेरी भी ईश्वर से यही दुआए 
हार्दिक बधाई श्री अविनाश एस बागडे जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए शेर-दर-शेर दाद ओ मुबारकबाद क़ुबूल करें ..... पसरने न दो…"
11 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post देश की बदक़िस्मती थी चार व्यापारी मिले (ग़ज़ल)
"आदरणीय धर्मेन्द्र जी समाज की वर्तमान स्थिति पर गहरा कटाक्ष करती बेहतरीन ग़ज़ल कही है आपने है, आज समाज…"
44 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। आपने सही कहा…"
Wednesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"जी, शुक्रिया। यह तो स्पष्ट है ही। "
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"सराहना और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी"
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लघुकथा पर आपकी उपस्थित और गहराई से  समीक्षा के लिए हार्दिक आभार आदरणीय मिथिलेश जी"
Tuesday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आपका हार्दिक आभार आदरणीया प्रतिभा जी। "
Sep 30
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लेकिन उस खामोशी से उसकी पुरानी पहचान थी। एक व्याकुल ख़ामोशी सीढ़ियों से उतर गई।// आहत होने के आदी…"
Sep 30
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"प्रदत्त विषय को सार्थक और सटीक ढंग से शाब्दिक करती लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय…"
Sep 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदाब। प्रदत्त विषय पर सटीक, गागर में सागर और एक लम्बे कालखंड को बख़ूबी समेटती…"
Sep 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मिथिलेश वामनकर साहिब रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर प्रतिक्रिया और…"
Sep 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service