For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल (मधुर मास सावन लगा है)

बहर:- 122 122 122

मधुर मास सावन लगा है,
दिवस सोम लगते पड़ा है।

महादेव को सब रिझाएँ,
ये संयोग अद्भुत हुआ है।

तेरा रूप सबसे निराला,
गले सर्प माथे जटा है।

कुसुम बिल्व चन्दन चढ़ाएँ,
ये शुभ फल का अवसर बना है।

शिवाले में अभिषेक जल से,
करें भक्त मोहक छटा है।

करें कावड़ें तुझको अर्पित,
सभी पुण्य पाते महा है।

करो पूर्ण आशा मेरी शिव,
'नमन' हाथ जोड़े खड़ा है।

मौलिक व अप्रकाशित

(भगवान शिव को अर्पित एक मुसलसल ग़ज़ल)

Views: 934

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on July 16, 2017 at 4:33pm

बहुत बढ़िया | हार्दिक बधाई आदरणीय |

Comment by Mahendra Kumar on July 12, 2017 at 7:40pm

अच्छी मुसलसल ग़ज़ल है आ. बासुदेव जी. हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए. //सभी पुण्य पाते महा है।// मुझे लगता है यहाँ पर रदीफ़ "है" की जगह "हैं" आ रहा है. देख लीजिएगा. सादर.

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on July 12, 2017 at 8:51am
हर हर महादेव..उत्तम ग़ज़ल द्वारा शिव वंदना अनुकरणीय है..सादर
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on July 11, 2017 at 10:48pm
बहुत खूब हार्दिक बधाई।
Comment by Ravi Shukla on July 11, 2017 at 2:34pm

आदरणीय वासूदेव जी अच्‍छी गजल कही आपने बधाई स्‍वीकार करें

Comment by Samar kabeer on July 11, 2017 at 11:03am
अब ठीक है भाई ।
Comment by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on July 10, 2017 at 8:28pm
आ0 समर कबीर जी ऐसी इस्लाह आपकी पारखी नज़र से ही मिलती है।
नमन हाथ जोड़े खड़ा है
यह सुधार कर दिया है।
आपका हृदय से आभार।
Comment by Samar kabeer on July 10, 2017 at 6:30pm
जनाब बासुदेव अग्रवाल'नमन'जी आदाब,उम्दा ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।
मक़्ते में शुतरगुर्बा दोष है,ऊला मिसरे में 'करो'और सानी मिसरे में 'तेरे',देखियेगा ।
Comment by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on July 10, 2017 at 4:29pm
मोहम्मद आरिफ साहिब आपने ग़ज़ल में शिरकत कर हौसला आफजाई की आपका तहे दिल से शुक्रिया।
Comment by Mohammed Arif on July 10, 2017 at 2:08pm
आदरणीय वासुदेव जी आदाब, बेतरीन सावन की छटा को रेखांकित करती ग़ज़ल । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

कुर्सी जिसे भी सौंप दो बदलेगा कुछ नहीं-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

जोगी सी अब न शेष हैं जोगी की फितरतेंउसमें रमी हैं आज भी कामी की फितरते।१।*कुर्सी जिसे भी सौंप दो…See More
13 hours ago
Vikas is now a member of Open Books Online
Tuesday
Sushil Sarna posted blog posts
Monday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम्. . . . . गुरु
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । विलम्ब के लिए क्षमा "
Monday
सतविन्द्र कुमार राणा commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"जय हो, बेहतरीन ग़ज़ल कहने के लिए सादर बधाई आदरणीय मिथिलेश जी। "
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"ओबीओ के मंच से सम्बद्ध सभी सदस्यों को दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयाँ  छंदोत्सव के अंक 172 में…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, जी ! समय के साथ त्यौहारों के मनाने का तरीका बदलता गया है. प्रस्तुत सरसी…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह ..  प्रत्येक बंद सोद्देश्य .. आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, आपकी रचना के बंद सामाजिकता के…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई साहब, आपकी दूसरी प्रस्तुति पहली से अधिक जमीनी, अधिक व्यावहारिक है. पर्वो-त्यौहारों…"
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। आपकी सार्थक टिप्पणी से हमारा उत्साहवर्धन …"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंद पर उपस्तिथि उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय  अखिलेश कॄष्ण भाई, आयोजन में आपकी भागीदारी का धन्यवाद  हर बरस हर नगर में होता,…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service