For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जलाऊं दीपक कैसे

कुल बीते दिन चार ,चमन का खोया माली

रोते पुहुप हजार ,कहाँ कैसी दीवाली

व्यथित उत्तराखंड ,तबाही कैसे भूले

आँसू मिश्रित आग ,जलेंगे कैसे चूल्हे

बिना तेल के दीप ,जलेगी कैसे बाती

बिना राग संगीत ,मुरलिया कैसे गाती

मृत्यु नृत्य निर्बाध ,जहाँ खेली थी  होली

सने लहू से द्वार ,कहाँ बैठे रंगोली

कुदरत ने दी मार ,धरा अम्बर तक रूठे

रह-रह उठते टीस ,मिले जो जख्म अनूठे

औरों का दुख देख , मनाऊं खुशियाँ  कैसे

बगल घर अन्धकार , जलाऊं दीपक  कैसे 

खुशियों के हों रंग ,भरे उनकी भी झोली

 चौखट जाए सूख   ,सजे उस पर  रंगोली

मिल जाएं परिवार ,बढ़े उनकी खुशहाली 

भरो प्रेम से जख्म , मनाओ फिर  दीवाली

(मौलिक एवं अप्रकाशित) 

Views: 774

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on October 30, 2013 at 10:19am

इस भावुक रचना को पढ़कर, समझ आता है कि आप जैसे रचनाकार का हृदय, एक अपार भावुकता को अपने अंदर समेटे हुए है, वरना आज के इस भागमभाग व् स्वार्थ से भरे संसार में कौन किसके बारे में सोचता है, जहाँ अपने ही अपनों के दुखों को छोड़, दूर भागते हैं, महज एक झूठी, खोखली खुशी को पाने के लिए, आपकी इस मर्म से भरी, रचना पर आपको हृदयतल से बधाईयां, आदरणीया राजेश जी..

सादर नमन

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on October 30, 2013 at 10:03am

प्राकृतिक आपदा से दुखी मन से कैसे दिवाली मनाएं | अभी तो आपदा ग्रस्त इलाके की खुशाली की कामना ही की जा सकती है |

मार्मिक एवं संवेदनशील शब्द रचना के लिए हार्दिक बधाई आ. राजेश कुमारी जी 

Comment by Sushil.Joshi on October 29, 2013 at 10:43pm

उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा का शिकार हुए लोगों के परिजनों के मर्म को भाँपकर अच्छी एवं सारगर्भित प्रस्तुति है आ0 राजेश कुमारी जी.... बहुत बहुत बधाई आपको....

Comment by MAHIMA SHREE on October 29, 2013 at 9:35pm

बगल घर अन्धकार , जलाऊं दीपक  कैसे 

खुशियों के हों रंग ,भरे उनकी भी झोली

 चौखट जाए सूख   ,सजे उस पर  रंगोली

मिल जाएं परिवार ,बढ़े उनकी खुशहाली 

भरो प्रेम से जख्म , मनाओ फिर  दीवाली.... मार्मिक अभिव्यक्ति आदरणीया राजेश दी हार्दिक बधाई


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on October 29, 2013 at 7:52pm

आदरणीया राजेश दीदी वाकई भावनाओं का मार्मिक चित्रण है, इस ह्रदयस्पर्शी रचना के लिये दाद कुबूल करें

Comment by रमेश कुमार चौहान on October 29, 2013 at 7:17pm

आदरणीया इस भ्‍ाावपूर्ण एवं सारगर्भित संदेश देती इस रचना के लिये आपको बहुत बहुत बधाई

Comment by विजय मिश्र on October 29, 2013 at 6:01pm
आपके इस गीत में बरबस पाठकों की श्रद्धा आकर्षित करने की क्षमता है .सचमुच जब समूचा परिवेश दुखी हो तो मन में उत्सव का आग्रह कहाँ से आए . साधुवाद और आपकी इस वेदना के प्रति आदर राजेशजी .

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 29, 2013 at 5:21pm

आदरणीया राजेश कुमारी जी , बहुत भाव पूर्ण , बहुत सार्थक , रचना लगी !!!! बहुत सही दिशा की ओर इंगित कर रही है आपकी रचना !!!

उत्तराखंड मे सच मे ऐसा ही हाल होगा !!!! आपको हार्दिक बधाई !!!!!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post शेष रखने कुटी हम तुले रात भर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय बधाई हो"
5 hours ago
Aazi Tamaam commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"अच्छी रचना हुई आदरणीय बधाई हो"
5 hours ago
Aazi Tamaam commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"अच्छी ग़ज़ल हुई आदरणीय बधाई हो 3 बोझ भारी तले को सुधार की आवश्यकता है"
5 hours ago
Aazi Tamaam commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय इस बह्र पर हार्दिक बधाई"
5 hours ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय सुरेंद्र इंसान जी इस ज़र्रा नवाज़ी का"
5 hours ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"बहुत शुक्रिया आदरणीय भंडारी जी इस ज़र्रा नवाज़ी का"
5 hours ago
surender insan commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आदरणीय सुरेश भाई जी  छन्न पकैया (सारछंद) में आपने शानदार और सार्थक रचना की है। बहुत बहुत बधाई…"
6 hours ago
surender insan commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरणीय आज़ी भाई आदाब। बहुत बढ़िया ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करे जी।"
6 hours ago
surender insan commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आदरणीय सौरभ जी सादर नमस्कार जी। ग़ज़ल पर आने के लिए और अपना कीमती वक़्त देने के लिए आपका बहुत बहुत…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आदरणीय सुरेश भाई ,सुन्दर  , सार्थक  देश भक्ति  से पूर्ण सार छंद के लिए हार्दिक…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"आदरणीय सुशिल भाई , अच्छी दोहा वली की रचना की है , हार्दिक बधाई "
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरनीय आजी भाई , अच्छी ग़ज़ल कही है हार्दिक बधाई ग़ज़ल के लिए "
10 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service